मधुबनी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्योतींद्र नारायण की अध्यक्षता में एएनएम (ऑक्जिलरी नर्स मिडवाइफ) और सीएचओ ( کمیونٹی ہیلتھ آفیسرز) की एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षय रोग (टीबी) के मरीजों की जांच की प्रक्रिया को तेज करना और उनके फोटो अपलोडिंग के कार्य में गति लाना था। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और सभी संबंधित कर्मचारियों को इस दिशा में गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
जांच और अपलोडिंग प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर
बैठक के दौरान, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्योतींद्र नारायण ने उपस्थित एएनएम और सीएचओ को टीबी के संदिग्ध और पुष्ट मरीजों की जांच की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और तेज बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की देरी से मरीजों के इलाज में बाधा आ सकती है, जो क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्य के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही, उन्होंने मरीजों के फोटो और अन्य संबंधित जानकारी को निर्धारित समय सीमा के भीतर स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. नारायण ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया न केवल मरीजों के डेटा को व्यवस्थित रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विभाग को प्रगति की निगरानी करने और आवश्यक सहायता प्रदान करने में भी मदद करती है।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की प्रतिबद्धता
स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा की गई और इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। बैठक में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और जांच से लेकर उपचार तक की पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चले। स्वास्थ्य कर्मियों को संदिग्ध मामलों की शीघ्र पहचान करने, उचित जांच सुनिश्चित करने और सकारात्मक पाए जाने वाले मरीजों का तुरंत इलाज शुरू करने के निर्देश दिए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए, उनसे गांवों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने और टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान करने में सक्रियता दिखाने का आग्रह किया गया।







