
झंझारपुर एडीजे के साथ मारपीट मामले की सुनवाई झंझारपुर एसीजेएम कोर्ट में होने के साथ यह तय हो गया है कि फिलहाल दोनों आरोपी जेल में ही रहेंगे। कोर्ट ने जहां जमानत याचिका को खारिज कर दिया है वहीं, एडीजे मामले की जांच कर रही सीआईडी के आवेदन पर अनुमंडलीय अस्पताल से विस्तृत इनज्यूरी रिपोर्ट के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक को पत्र भेजा गया है।
अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा मुकेश कुमार ने बताया कि पूर्व थानेदार गोपाल कृष्ण व एसआई अभिमन्यु शर्मा का जख्म प्रतिवेदन देने के लिए सीआईडी के अधिकारी ने आवेदन दिया है। चुकि बेहतर इलाज के लिए यहां से दोनो पुलिस अधिकारी को डीएमसीएच रेफर किया गया था।
विस्तृत जख्म प्रतिवेदन डीएमसीएच से लेने के बाद ही दिया जा सकता है। जिसके लिए उन्होने डीएमसीएच को पत्र लिख कर इलास से सम्बन्धित बिस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। मालुम रहे कि 18 नवम्बर को घटी घटना के बाद पुलिस कस्टडी में लिए जाने के बाद रात में दोनो पुलिस अधिकारी को चिकित्सा के लिए अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। जहां से रेफर होने के बाद दोनो 19 नवम्बर से सात दिसम्बर तक डीएमसीएच में भर्ती कर इलाज किया गया है। दोनो फर्दबयान में कुछ मजबुन भी बदला हुआ है। इससे कई सवाल खड़ा होता है।
आपको बता दें, वर्दीधारियों की गुंडई के शिकार बने ये वही जज हैं जिन्होंने मधुबनी के एसपी सत्यप्रकाश को कानून की जानकारी न होने की कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद घोघरडीहा के एसएचओ गोपाल कृष्ण और सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था। आज दोनों की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
इधर,एसएचओ गोपाल कृष्ण और दारोगा अभिमन्यु शर्मा इस मामले के आरोपी हैं जिन्होंने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन उनकी जमानत याचिका खारिज हो गयी है। झंझारपुर एडीजे से मारपीट मामले की जांच सीआईडी की टीम कर रही है। इस मामले को लेकर एडीजे से भी पूछताछ की जा चुकी है। गवाहों का भी बयान दर्ज किया जा चुका है।
बिहार के मधुबनी जिले में 18 नवंबर को थानेदार और दारोगा जज के चेंबर में घुस गये थे। दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की थी। शोर-शराबा सुनकर कोर्ट के वकील जज साहब के चेंबर की ओर दौड़े तो उनकी जान बची थी। वकीलों ने थानेदार औऱ दारोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया था।