हजारों किसानों के सर्वेक्षण फॉर्म NH-27 किनारे फेंके गए! स्कॉर्पियो से आया शख्स फरार।बड़ी लापरवाही! मधुबनी के भूमि सर्वेक्षण फॉर्म हजारों की संख्या में फेंके गए सड़क किनारे। गायघाट में मिली सरकारी फॉर्मों की बर्बादी! खेत में काम कर रहे किसान ने किया खुलासा।किसानों के सर्वे फॉर्मों से भरे बंडल फेंके गए खेत में! प्रशासन मौन, ग्रामीण हैरान।किसानों के सर्वे फॉर्मों से भरे बंडल फेंके गए खेत में! प्रशासन मौन, ग्रामीण हैरान।सरकारी सिस्टम की पोल खुली! गायघाट में खेत किनारे मिले भूमि सर्वेक्षण के हजारों फॉर्म।किसानों की मेहनत का अपमान! मधुबनी के सर्वे फॉर्म खुलेआम सड़क किनारे फेंके गए@दीपक कुमार,गायघाट,देशज टाइम्स।
गायघाट में हजारों भूमि सर्वेक्षण फॉर्म फेंके गए, मधुबनी जिले के लौकही प्रखंड से जुड़े दस्तावेज
मुजफ्फरपुर/गायघाट (DeshajTimes): मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट थाना क्षेत्र स्थित एनएच-27 के जारंग चौक के पास उस समय सनसनी फैल गई जब हजारों भूमि सर्वेक्षण से जुड़े फार्म सड़क किनारे बिखरे मिले। ये फॉर्म मधुबनी जिले के लौकही प्रखंड के किसानों द्वारा विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए भरे गए थे।@गायघाट,देशज टाइम्स।
स्कॉर्पियो से आया व्यक्ति, कागजात फेंककर भागा
शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे, एक काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी जारंग चौक के पास रुकी। गाड़ी से उतरे व्यक्ति ने कागजात के बंडल को खोलकर एनएच के किनारे फेंक दिया। इसके बाद वह तेजी से मुजफ्फरपुर की ओर रवाना हो गया।
किसान ने देखी वारदात, खेत में काम कर रहे थे ग्रामीण
खेत में काम कर रहे एक स्थानीय किसान ने पूरी घटना देखी। जब वह पास गए तो देखा कि कागजात भूमि सर्वेक्षण फॉर्म हैं, जिन पर लौकही प्रखंड के किसानों का विवरण दर्ज है। किसान ने बताया कि,ये सारे कागजात सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा थे। इतनी बड़ी लापरवाही चौंकाने वाली है।
कई सैकड़ों रैयतों के नाम, खाता, प्लॉट, अंचल की जानकारी उजागर
फॉर्म में रैयतों का नाम, पता, मोबाइल नंबर, खाता संख्या, प्लॉट संख्या समेत अंचल और प्रखंड से संबंधित विवरण दर्ज है। ऐसे गोपनीय दस्तावेजों का इस तरह फेंका जाना सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी, अब तक नहीं हुई जांच शुरू
स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी, लेकिन शाम तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। गायघाट पुलिस की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सवाल यह भी उठता है कि फॉर्म कहां से लाए गए और इन्हें क्यों फेंका गया?
यह लापरवाही नहीं, संवेदनशील डाटा की सुरक्षा पर खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि संवेदनशील डाटा से जुड़ा बड़ा मामला हो सकता है। यदि ये दस्तावेज भूमि सर्वेक्षण निदेशालय या संबंधित प्रखंड कार्यालय से निकले हैं, तो इसकी उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है।