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18 मार्च, 2024
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मधुबनी के बेनीपट्टी में धौंस नदी पर आज तक नहीं बना पुल, सहारा था चचरी, वह भी तेज धार में बह गया, नाव के सहारे कटेगी अब जिंदगी…पूछ रहे लोग कहां हैं नेताजी

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मुख्य बातें
धौंस नदी का जलस्तर बढ़ने से बह गया चचरी
जान हथेली पर रख नाव के सहारे नदी पार कर रहे लोग पूछ रहे, कहां हैं नेताजी?
आजादी के बाद से अबतक नहीं बना करहारा गांव में धौंस नदी के ऊपर पुल
करहारा गांव में बेटे की शादी करने से कतराते हैं लोग, दहेज में मांगते हैं नाव
फोटो देशज टाइम्स कैप्शन: बेनीपट्टी के करहारा में नाव के सहारे धौंस नदी को पार करते ग्रामीण

धुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो के लिए बेनीपट्टी संवाददाता की रिपोर्ट। कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से अधवारा समूह के धौंस नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। जिसके कारण करहारा में धौंस नदी के ऊपर ग्रामीणों द्वारा बनाया गया चचरी पानी में बह गया।

इसके साथ ही करहारा गांव में नाव का परिचालन शुरू हो गया है। स्थानीय लोग नाव के सहारे जान हथेली पर रखकर एक ओर से दूसरी ओर आवागमन करने को विवश नजर आ रहे हैं। बता दें कि करहारा गांव आजादी के बाद भी विकास से कोसों दूर है।

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यहां चलने के लिए सड़क,
नदी पर पुल, बिजली सहित कोई मूलभूत सुविधा नहीं है। जबकि पूरा गांव अधवारा समूह के नदियों के कालरूपी मुंह में घिरकर बंद है। बाढ़ के दिनों में यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है तथा एक महीने तक कोई भी ग्रामीण बाहर नही निकल पाते हैं। कई सरकारें बनी तथा कई जनप्रतिनिधि चुने गए, मगर अबतक इस गांव का थोड़ा भी विकास नही हो सका है।

इस गांव के ग्रामीणों को आजतक झूठे आश्वासन के अलावा और कुछ नसीब नही हुआ है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि नदियों से घिरे इस गांव में लोग अपने बेटे की शादी करने से भी कतराते हैं और करते भी हैं तो दहेज में नाव की मांग करते हैं। करहारा के ग्रामीण आठ महीने तक चचरी पुल के सहारे अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। मगर अब नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने के कारण चचरी नदी के पानी में बह गया है।

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इसके कारण ग्रामीण
अब नाव के सहारे नदी को पार कर रहे हैं। गांव के लोगों ने धौंस नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी किया, सरकार तथा उनके मुलाजिम एवं जनप्रतिनिधियों को आवेदन के माध्यम से कई बार अवगत कराया, लेकिन ग्रामीणों को अबतक सिर्फ आश्वासन ही मिला। नतीजा यह है कि बीमार मरीजों को खटिया पर लादकर या फिर महराजी बांध के सहारे सोईली चौक लाया जाता है।

करहारा पंचायत की मुखिया मंजू देवी,
पूर्व मुखिया शिला देवी, देवेंद्र यादव, भोगेंद्र मंडल, वार्ड सदस्य शिवकुमार साफी, विनोद यादव, जयनंदन यादव, वरुण यादव, रंजीत यादव, रामसेवक यादव और मो. इरफान सहित कई ग्रामीणों ने देशज टाइम्स को बताया कि आजादी के बाद से अबतक इस गांव में सड़क, बिजली, पुल-पुलिया, टेलीफोन, यातायात सहित किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नही करायी गयी। आवागमन के लिए सड़क नही रहने के कारण कोई दुर्घटना या अगलगी जैसी घटना होने पर एम्बुलेंस व अग्निशमन गाड़ी तक नही पहुंच पाती है।

बरसात के दिनों में गांव की सड़कों
पर लोगों के लिए घर से निकलना मौत को आमंत्रण देने के बराबर हो जाता है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से लोग समस्या रूपी दर्द से कराह रहे हैं। नेताओ की ओर से आजतक सुधि तक नही ली जाती है। कई चुनाव आए व गए लेकिन करहारा गांव ज्यों की त्यों समस्याओं से जूझ रहा है। जनप्रतिनिधियों से बारंबार धौंस नदी पर पुल निर्माण की मांग की गयी, लेकिन अबतक किसी ने पुल निर्माण की दिशा में पहल करना मुनासिब नही समझा। विधायक से पूछने पर वें केवल गाया हुआ गीत ही गाते हैं कि डीपीआर तैयार हो चुका है। जल्द धौंस नदी पर पुल निर्माण के साथ-साथ सड़क निर्माण भी शुरू होगा।

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