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25 अप्रैल, 2024
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Madhubani News | पद्मश्री Shivan Paswan पद्मश्री Shanti Devi…गोदना पेंटिंग का नव अध्याय अब तेरे नाम से शुरू…शिवन-शांति…

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Madhubani News | पद्मश्री Shivan Paswan पद्मश्री Shanti Devi…गोदना का नव अध्याय अब इस नाम से शुरू…शिवन-शांति…जहां आज मधुबनी अपनी गरीबी पर हंस नहीं रहा। उसे अपनी फटेहाली पर नाज है। सामाजिक विभेद का दंश अब उसकी पूंजी बन चुकी है। जहां, मधुबनी का अब हांग-कांग, इटली, फ्रांस में परचम लहरा रहे हैं। ऐसा, गोदना पेंटिंग के वैश्विक स्तर पर पहुंचने से हुआ है। इसका श्रेय है, रहिका प्रखंड के सीमा गांव निवासी लहेरियागंज, वार्ड एक, मधुबनी से कला के दम पर पद्मश्री अपने गले में सुशोभित करने वाले शिवन पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी के बूते।

अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani

 

Madhubani News | पद्मश्री देने की घोषणा अब साकार हो चुकी है। इतिहास में एक नव अध्याय जुड़ गया…

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गोदना पेंटिंग के जनक शिवन पासवान और उनकी पत्नी शांति देवी पासवान को पद्मश्री देने की घोषणा हुई जो अब साकार हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मू ने दोनों को पद्मश्री से सम्मानित कर मिथिला, संपूर्ण मधुबनी की मधुबनी पेटिंग और खासकर गोदना के इतिहास में एक नव अध्याय लिख दिया।

Madhubani News | मिथक तोड़ने वाले शिवन पासवान नई खोज के जन्मदाता भी हैं, जहां….

मिथक तोड़ने वाले शिवन पासवान नई खोज के जन्मदाता भी हैं। जहां, मिथिला चित्रकला में रामायण, महाभारत यानि पौराणिक संदर्भ ही तूलिका के रंग बनते थे। कायस्थ और ब्राह्मण कलाकारों के वर्चस्व में शिवन पासवान की एक नई परंपरा की शुरुआत ने आर्ट वर्क को अमेरिका, जापान, हॉन्गकॉन्ग समेत कई देशों में ख्याति दिलाई। इतना ही नहीं, गोदना पेंटिंग वैश्विक स्तर पर पहुंचे इसके लिए इस कला दंपती ने इस विरासत को सहेजने के लिए बीस हजार महिलाओं को प्रशिक्षित कर परंपरा की एक नई नींव भी डाली। जो विरासत सहेंजेंगे। उसे विस्तारित भी करेंगे।

Madhubani News | पढ़ने की जिद और कुछ कर दिखाने का जज्बा

4 मार्च, 1956 को मधुबनी के लहेरियागंज गांव में जन्मे शिवन आर्थिक मजबूरी में अपने जीवन की शुरूआत की। मगर, पढ़ने की जिद और कुछ कर दिखाने का जज्बा ने उन्हें 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद भीषण अकाल की चपेट में आए भारत में मिथिला पेंटिंग की हनक जगाने का अभियान तेज किया। फलाफल यह, दीवारों तक सिमटी यह कला कपड़ों और कागजों पर उकेरी जाने लगी। आज यह राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोदना कला के गहरे लगाव के साथ चर्चित है।

Madhubani News | ताजा समाचार यह, मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मु के हाथों यह दंपती पद्मश्री पाकर खिल उठा है

ताजा समाचार यह, मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मु के हाथों यह दंपती पद्मश्री पाकर खिल उठा है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री पाने वाले मधुबनी शहर से सटे रहिका प्रखंड के सीमा गांव निवासी शिवन पासवान और शांति देवी मधुबनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा चुके हैं। इससे पूर्व देश में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में इस कला के विरासत दंपती की मधुबनी पेंटिंग की उत्कृष्ट कलाकारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूब तारीफ की थी। शिवन पासवान और शांति देवी को 1984 में राष्ट्रीय पुरुस्कार भी मिल चुका है। इनका पूरा परिवार मधुबनी पेंटिंग ,गोदना पेंशन की कला में लगा हुआ है। जिस दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में इस दंपती को पद्धश्री सम्मान से समानित कर रहे थे, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई मंत्री मिथिला के गौरव शिवन पासवान और शांति देवी के सामने शुभकामनाओं के ढ़ेर लगा रहे थे।

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