पटना न्यूज़: बिहार विधानसभा के गलियारों में सोमवार को एक ऐसा नज़ारा दिखा, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. जब एक युवा, नव-निर्वाचित विधायक ने पारंपरिक वेश-भूषा और अपनी मातृभाषा में शपथ लेकर न केवल अपनी पहचान बल्कि अपनी संस्कृति का भी परचम लहराया. आखिर कौन हैं ये विधायक और क्यों खास रही इनकी शपथ?
दिसंबर की पहली तारीख को बिहार विधानसभा में नवनिर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक और प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने अपने अनूठे अंदाज़ से सबको प्रभावित किया. अलीनगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर सदन पहुंचीं मैथिली ठाकुर ने पीली साड़ी और सिर पर पारंपरिक पाग धारण कर, मैथिली भाषा में पद और गोपनीयता की शपथ ली.
बिहार की सबसे युवा विधायकों में शुमार मैथिली ठाकुर का शपथ ग्रहण समारोह सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उनकी ये तस्वीरें और वीडियो लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.
पारंपरिक पाग और मैथिली भाषा में शपथ: एक सांस्कृतिक पहचान
मैथिली ठाकुर ने जिस तरह से पारंपरिक परिधान यानी पीली साड़ी और सिर पर सम्मान का प्रतीक पाग पहनकर शपथ ली, उसने सदन में एक अलग ही आकर्षण पैदा कर दिया. मैथिली भाषा में शपथ लेने का उनका निर्णय केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि इसे मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान और क्षेत्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है.
शपथ ग्रहण के बाद, मैथिली ठाकुर ने अपने क्षेत्र के विकास और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई. उनका यह कदम मिथिलांचल की सांस्कृतिक अस्मिता को एक बार फिर राष्ट्रीय फलक पर सुर्खियों में ले आया है.
जब चुनावी अखाड़े में भी ‘पाग’ को लेकर छिड़ गया था विवाद
दरअसल, पाग केवल एक परिधान नहीं, बल्कि मिथिला क्षेत्र में सम्मान, प्रतिष्ठा और गौरव का प्रतीक माना जाता है. यह मिथिला की पारंपरिक वेश-भूषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि, मैथिली ठाकुर के लिए पाग विवादों से भी घिरा रहा है.
चुनाव प्रचार के दौरान, मैथिली ठाकुर का पाग पहनकर मखाना खाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो पर मैथिली समाज के एक वर्ग ने आपत्ति जताई थी, जिससे पाग और मिथिला की सांस्कृतिक परंपराओं को लेकर असंतोष उभर आया था. इतना ही नहीं, उनके चुनाव प्रचार में शामिल होने आईं उत्तर प्रदेश की एक विधायक द्वारा पाग को लेकर कथित तौर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी ने भी तब विवाद को और गहरा दिया था.
इन पिछली विवादों की पृष्ठभूमि में मैथिली ठाकुर का पारंपरिक वेश-भूषा में शपथ ग्रहण करना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों का स्पष्ट मत है कि पाग मात्र एक कपड़ा नहीं, बल्कि मिथिला की अस्मिता, सम्मान और गौरव का जीवंत प्रतीक है. यही कारण है कि इससे जुड़े किसी भी विवाद को लोग भावनात्मक रूप से लेते हैं और उसे अपनी पहचान से जोड़कर देखते हैं.




