इससे पहले, भाकपा माओवादी संगठन ने 14 और 15 अप्रैल को बिहार-झारखंड बंद करने का ऐलान किया था। इसकी जानकारी नक्सलियों ने बिहार के गया जिले के इमामगंज पुलिस अनुमंडल अंतर्गत भदवर, बांकेबाजार और रौशनगंज थाना क्षेत्र में एक पर्चा गिराकर दी थी।
यह बंदी संगठन ने बीते दिनों झारखंड के चतरा में मारे गए पांच नक्सलियों के विरोध में बुलाई गई थी। नक्सली पर्चे में कहा गया था कि बंदी का व्यापक असर इलाके में दिखना चाहिए।
हालांकि बाद में पर्चे को सीआरपीएफ व जिला पुलिस ने जब्त कर लिया था। पुलिस जांच कर रही है। नक्सली पर्चा में कहा गया था कि बंदी मूल रूप से दक्षिण बिहार और पश्चिमी झारखंड में प्रभावी रहेगा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि मारे गए पांच नक्सलियों का बदला लेने के लिए भाकपा माओवादी संगठन का पीएलजी ग्रुप अपने काम में लग चुका था। पढ़िए आज ताजा क्या है..
पांच इनामी नक्सलियों के मुठभेड़ में मारे जाने के विरोध में भाकपा माओवादी संगठन ने दो दिवसीय बिहार-झारखंड बंद का आज पहला दिन है। नक्सलियों के बंद को देखते हुए पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है।
पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रवक्ता प्रतीक ने एक बयान जारी कर 20 व 21 अप्रैल 2023 को 48 घंटे का बिहार-झारखंड बंद की घोषणा की है।
बयान में बताया गया कि 3 अप्रैल 2023 को झारखंड राज्य के पलामू चतरा बोर्डर क्षेत्र के लावालौंग थाना अंतर्गत गरहे जंगल में पांच साथियों की निर्ममतापूर्वक हत्या की कड़ी निंदा और भर्त्सना करते हैं।
इस घटना के विरोध में पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड में कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) मजदूर किसान, प्रगतिशील बुद्धिजीवियों, छात्रों, नौजवानों, कलाकारों पत्रकारों, जनवाद प्रेमियों, न्याय पसंद लोगों से 20 व 21 अप्रैल 2023 को 48 घंटे बंद को सफल बनाने की अपील करती है। बयान में बंद के दौरान दूध, पानी, पेपर, अस्पताल, एंबुलेंस आदि जरूरी सेवाओं को मुक्त रखने का ऐलान किया है।
नक्सलियों के 48 घंटे के बंद के मद्देनजर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने संबंधित सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि पिछले 14 और 15 अप्रैल को बंदी के आह्वान के साथ बंदी में प्रेस, दूध, एंबुलेंस का मुक्त रखा गया था। इस दौरन साफ कहा गया था कि इसके अलावे रेल और सड़क मार्ग पर यह लोग अपना प्रदर्शन कर सकते हैं।