बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद मंगलवार को कैबिनेट की पहली बैठक हुई। मुख्य सचिवालय में हुई नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक में जल-जीवन हरियाली अभियान के लिए 12568.97 करोड़ का बजट मंजूर हुआ।नीतीश कैबिनेट की बैठक में जल-जीवन-हरियाली का एक्सटेंशन किया गया है। अब यह अभियान 2025 तक चलेगा। इस अभियान में कुल 12 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च किए जाएंगे। वन क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 37.38 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गयी है।
इस पहली बैठक में सिर्फ एक ही मुद्दे पर मुहर लगी। वहीं, बैठक में 10 लाख नौकरियों का मुद्दा गायब रहा। नौकरियों को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया, जबकि तेजस्वी ने पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था।
मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में है यह बैठक हुई। आज ही मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है और सभी मंत्रियों को विभाग भी बांट दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में सभी का परिचय भी कराया गया। मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ एक-एक कर सभी मंत्री बैठक में भाग लेने पहुंचे थे।
मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण विकास विभाग ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के विस्तारीकरण और इसके क्रियान्वयन पर वित्तीय वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक होने वाले अनुमानित व्यय कुल 12568.97 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
वहीं, जल-जीवन-हरियाली मिशन के विस्तारीकरण और इसके प्रशासनिक मद पर वित्तीय वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक होने वाले अनुमानित व्यय कुल 37.38 करोड़ रुपये की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। बता दें कि अबतक तक जल जीवन हरियाली पर 7376 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। गंगा जल आपूर्ति के लिए 3 हजार करोड़, वाटर हार्वेस्टिंग पर 55 करोड़ रुपये, जल संचय पर 203 करोड़, वैकल्पिक फसलों पर 354 करोड़, PHED में सोखता निर्माण पर 31.60 करोड़ और चेक डैम पर 947 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
सीएम नीतीश की अध्यक्षता में बैठक:
इससे पहले जो कैबिनेट की बैठक हुई थी, उसमें केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मिलकर विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया था। अब पूरी कैबिनेट की बैठक हो रही है। जिसपर सबकी नजर बनी हुई है। मंत्रिमंडल विस्तार में तेजस्वी यादव के हाथ में स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग का जिम्मा सौंपा गया। हालांकि, सलाहकारों ने तेजस्वी उनसे गृह और वित्त विभाग पर भी पकड़ जमाने की सलाह दी थी, लेकिन यह जेडीयू के पाले में जा गिरे। स्वास्थ्य विभाग पर तेजस्वी यादव की पहले से नजर थी।
स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों विभागों के जरिए तेजस्वी यादव, आरजेडी के वोट बैंकों को भी मजबूत करने में लगे हैं। दरअसल, बिहार में नौकरी की सोच रखने वाले ज्यादा लोगों के पास सिर्फ सरकारी नौकरियों का ही विकल्प है, क्योंकि राज्य में कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं है. ऐसे में नौकरियों के सहारे तेजस्वी पार्टी की जड़ें मजबूत करेंगे।