शिक्षा विभाग लगातार एक्शन में है। भले केके पाठक को लेकर ऊहापोह की स्थिति अभी तक नहीं हुई है लेकिन विभाग का काम गरमाया हुआ है। इसी का नतीजा है कि काम में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है जिसपर एक्शन लेते हुए बिहार के सभी जिलों के एमआईएस प्रभारियों का वेतन रोक (MIS incharges of all districts in Bihar salary stopped) दिया गया है।
Salary Of MIS In-Charge Stopped | लापरवाही में नपे सभी जिलों के प्रभारी
बिहार के सभी जिलों के एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) प्रभारियों का वेतन बंद कर दिया गया है। इनकी ओर से काम में लापरवाही बरतने के चलते कार्रवाई की गई है। एमआईएस प्रभारियों ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूलों का प्रोफाइल अपलोड नहीं किया है। पढ़िए पूरी खबर
Salary Of MIS In-Charge Stopped | छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूलों का प्रोफाइल अपलोड नहीं
जानकारी के अनुसार, एमआईएस प्रभारियों ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूलों का प्रोफाइल अपलोड नहीं किया है जिसकी वजह उनका वेतन रोक दिया गया है, साथ ही बिहार शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों के डीपीओ और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी चेतावनी दी है अगर 25 जनवरी तक काम पूरा नहीं हुआ तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार यह रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक काम पूरा नहीं हो जाता है।
Salary Of MIS In-Charge Stopped | इन शहरों के प्रभारी ज्यादा साबित हुए फिसड्डी
छात्र प्रोफाइल की एंट्री में वैशाली, सुपौल, कटिहार, नालंदा और भागलपुर अव्वल तो पश्चिम चंपारण, बक्सर, नवादा, गोपालगंज व रोहतास फिसड्डी हैं। इसी तरह, शिक्षक प्रोफाइल इंट्री में वैशाली, नालंदा, अररिया, मुंगेर, शिवहर व सुपौल टॉप पांच में तो मधुबनी, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, गया व पश्चिम चंपारण सबसे फिसड्डी हैं। जबकि, स्कूल प्रोफाइल अपलोड करने में वैशाली, नालंदा, कटिहार, सुपौल व भागलपुर अव्वल तो शिवहर, नवादा, रोहतास, गोपालगंज व पश्चिम चंपारण सबसे पीछे हैं।
Salary Of MIS In-Charge Stopped | इतने फीसद रूके हैं काम, 15 जनवरी के अपडेट में खुलासा
जानकारी के अनुसार, यू-डायस के लिए डेटा एंट्री 14 जनवरी तक पूरी करनी थी, लेकिन 15 जनवरी को समीक्षा में पाया गया कि 61 फीसदी छात्रों, 67 प्रतिशत शिक्षकों तो 88 फीसदी स्कूलों की विवरणी अपलोड नहीं की जा सकी है।
Salary Of MIS In-Charge Stopped | लापरवाही से शिक्षा बजट बनाने में आ रही दिक्कत
इस कारण शिक्षा बजट बनाने में दिक्कत हो रही है। वहीं, इस मामले में एसपीडी बी. कार्तिकेय धनजी ने बताया कि डेटा एंट्री को एमआईएस प्रभारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अब डीईओ और सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ को आदेश दिया गया है कि हर हाल में 25 जनवरी तक बच्चों का वर्गवार संख्या और नये नामांकन वाले बच्चों के आंकड़े की एंट्री समय से करा दी जाए। नहीं तो वेतन नहीं मिलेगा।