मुख्य बातें: एमडीए के दौरान मधुबनी के 8.98 लाख लोगों ने खायी फाइलेरिया की दवा •लक्ष्य के सापेक्ष में 76 % लोगों ने खायी दवा• विभाग के साथ सहयोगी संस्थाओं ने भी अभियान में किया सहयोग
समीर कुमार मिश्रा, मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। मधुबनी में एमडीए अभियान एवं छूटे हुए लाभार्थियों को दवा खिलाने के लिए संचालित मॉप अप ड्राइव अब खत्म हो चुका है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि जिले में शहरी क्षेत्र सहित तीन प्रखंडों में अभियान चलाया गया।
विभाग द्वारा 11,86,433 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरुद्ध 898426 लोगों को दवा खिलाई गई। 75.72 प्रतिशत लाभुकों ने अभियान के दौरान दवा का सेवन किया। डॉ. झा ने बताया कि अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने में सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी विभाग को अपना सहयोग लोया है।
माइक्रोप्लान बनाकर संचालित किया गया अभियानडॉ. झा ने बताया कि जिले में अभियान की सफलता के लिए पहले माइक्रोप्लान तैयार किया गया था। इसके लिए टीम गठित की गयी थी। पर्यवेक्षक अभियान के दौरान दवा खिलाने वाली टीम का सुपरविजन कर रहे थे। और, सभी के सामूहिक प्रयास से अभियान को सफल बनाने में मदद मिली। अभियान के बारे में जिले में व्यापक प्रचार प्रसार भी किया गया।
लाभप्रद है फाइलेरिया की दवा का सेवन :डॉ. झा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया के दवा सेवन से ही बचा जा सकता है।कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाते हैं। इसीलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है।
उन्होंने बताया कि लोगों को खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है।
फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है।दवा सेवन ही फाइलेरिया से सुरक्षित रहने का सबसे सशक्त उपाय है।