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16 फ़रवरी, 2024
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Muzaffarpur के Gaighat मधुरपट्टी घाट पर बनेगा 24 करोड़ का High Level Bridge, शर्त्त यही, सुनिए पिंटू-पिंटू का शोर, जानिए वजह, बड़ी डिमांड

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, मधुरपट्टी में कुल 468 परिवार, गांव में रहने वालों की संख्या 1973 हैं।लोगों के पास किसी काम से आने जाने के लिए केवल नाव ही सहारा है। गांव जाने वाली सड़क करीब 10 किलोमीटर लंबी है। वहां से राशन दुकान, स्कूल व अस्पताल पहुंचने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। गांव में सामान्य श्रेणी के लोगों के 69, पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लोगों के 142, अति पिछड़ा वर्ग के 155 व अनुसूचित जाति के कुल 102 घर है। आबादी के अनुसार, सामान्य श्रेणी की 202, पिछड़ा वर्ग की 613, अति पिछड़ा वर्ग की 750 व अनुसूचित जाति की आबादी 408 हैं। ऐसे में पुल निर्माण एक बेहतर व सार्थक विकल्प है। मगर, 14 सितंबर 23 को मधुरपट्टी घाट पर नाव पलटने से 12 डूब गए थे। कई की मौतें हुईं। इस घाट पर पुल निर्माण कराने की मांग दशकों से रही है। भयानक नाव हादसे के बाद पिंटू सहनी ने अपनी जान की बाजी लगा दीं। वैसे भी, बागमती नदी पर पुल बन जाने से यहां के लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरी काफी कम हो जाएगी। साथ ही, सीतामढ़ी, मधुबनी और दरभंगा जिले के लोगों को भी इसका फायदा होगा। उन्हें पटना पहुंचने में एक-दो घंटे की बचत होगी। इधर, पुल निर्माण से स्थानीय लोगों में खुशी है। मगर, सभी इस पुल का नाम शहीद पिंटू सहनी के नाम पर रखने की बड़ी डिमांड के साथ सामने हैं। दीपक कुमार की रिपोर्ट....

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मधुरपट्टी में बनेगा बड़ा पुल, नाव हादसे के शहीद पिंटू सहनी के नाम पर ही होगा पुल, रख दी ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन के सामने बड़ी डिमांड

24 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से बनेगा उच्चस्तरीय पुल
गायघाट के मधुरपट्टी घाट पर नाव हादसे में गई थी 11 लोगों की जान
पिंटू सहनी ने कई मासूम छात्रों की जान बचाकर दिया था सर्वोच्च बलिदान

मुख्यमंत्री की घोषणा को मिली स्वीकृति

📌 गायघाट अंतर्गत बागमती नदी में पुल निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है।
📌 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भटगामा से मधुरपट्टी घाट पर पुल बनाने की घोषणा की थी।
📌 अब इसके लिए ₹24.28 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।
📌 स्थानीय लोग इसे वीरता और बलिदान का प्रतीक मानते हैं।

वीर पिंटू सहनी को समर्पित हो पुल का नाम?

🙏 स्थानीय लोगों की मांग है कि पुल का नाम शहीद पिंटू सहनी के नाम पर रखा जाए।
🚩 पिंटू सहनी ने मधुरपट्टी नाव हादसे में कई छात्रों की जान बचाने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी।
🎖 लोगों का कहना है कि यह पुल वीरता और मानवता की अमर गाथा का प्रतीक बनेगा।

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🔹 सुझाए गए नाम:
वीर पिंटू सहनी सेतु
अमर बलिदानी पिंटू सेतु
शहीद पिंटू सहनी स्मृति पुल
पिंटू सहनी जीवन रक्षा सेतु
साहसी वीर पिंटू सहनी पुल

📢 स्थानीय निवासियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पुल का नाम पिंटू सहनी के नाम पर ही रखा जाए।

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नामकरण क्यों है महत्वपूर्ण?

🔹 यह केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी होगा।
🔹 समाज को संदेश मिलेगा कि बलिदान देने वाले नायकों को कभी भुलाया नहीं जाता।
🔹 वीरता और मानवता की इस मिसाल को हमेशा याद रखा जाएगा।

 🇮🇳भारत के वीर पुरुष शहीद पिंटू सहनी अमर रहें!

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