
बिहार में गारमेंट इंडस्ट्री का धमाका! 23 करोड़ का निवेश, हजारों नौकरियां! मुजफ्फरपुर में खुलने जा रही बड़ी गारमेंट फैक्ट्री। मुजफ्फरपुर में लगेगा 23 करोड़ का उद्योग! हर साल बनेंगे 55 लाख कपड़े,55 लाख कपड़े सालाना उत्पादन! बिहार के मुजफ्फरपुर में उद्योग जगत की नई पहचान।@पटना,देशज टाइम्स।
बड़ी पहल : 23 करोड़ 36 लाख के निजी निवेश से 55 लाख पीस वार्षिक उत्पादन की क्षमता
बिहार सरकार की नई औद्योगिक नीति 2025 के तहत राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुजफ्फरपुर जिले के बेला औद्योगिक क्षेत्र, फेज-2 में M/s Gogreen Apparel Limited की ओर से स्थापित की जा रही रेडिमेड गारमेंट्स यूनिट को वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस की मंजूरी प्रदान की गई है।
प्रति वर्ष 55 लाख पीस रेडिमेड गारमेंट्स तैयार
यह यूनिट प्रति वर्ष 55 लाख पीस रेडिमेड गारमेंट्स तैयार करने की क्षमता रखेगी। कंपनी ने इस परियोजना में 2336.22 लाख रुपये (23 करोड़ 36 लाख 22 हजार) का निजी पूंजी निवेश किया है। यह निवेश टेक्सटाइल एवं लेदर सेक्टर के अंतर्गत आता है, जिसे राज्य सरकार ने उच्च प्राथमिकता सूची में रखा है।
वित्तीय प्रोत्साहन की शर्तें
कंपनी को वित्तीय प्रोत्साहन मंजूरी से पहले कई शर्तें पूरी करनी थीं कि सभी भूमि संबंधी कागजात प्रस्तुत करना है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (Project Report) देना है। बैंक एप्रेज़ल रिपोर्ट उपलब्ध कराना है। बैंक ऋण स्वीकृति पत्र प्रस्तुत करना है। इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही क्लियरेंस की स्वीकृति दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रोत्साहन राशि का वितरण वास्तविक परियोजना व्यय के आधार पर किया जाएगा।
औद्योगिक नीति और सरकार की प्राथमिकता
हाल ही में बिहार सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2025 को मंजूरी दी है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि निजी निवेश को आकर्षित करना। रोजगार के अवसर बढ़ाना। बिहार को औद्योगिक विकास की नई दिशा देना है।
सरकार का मानना है कि टेक्सटाइल एवं लेदर जैसे क्षेत्र बिहार की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेंगे और यहां से बने उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भेजा जा सकेगा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान
उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने इस प्रोत्साहन क्लियरेंस को राज्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि “इस प्रकार के निवेश से बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। राज्य को आर्थिक मजबूती मिलेगी। औद्योगिक विकास के क्षेत्र में बिहार नई ऊंचाइयों को छुएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बिहार को निवेशकों के लिए अनुकूल गंतव्य बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।
रोजगार और विकास की नई उम्मीद
इस गारमेंट्स यूनिट की स्थापना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। स्थानीय युवाओं, खासकर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। बिहार धीरे-धीरे मैन्युफैक्चरिंग हब की ओर बढ़ेगा।
टेक्सटाइल और गारमेंट्स सेक्टर
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बिहार में इस प्रकार की परियोजनाओं को लगातार प्रोत्साहन मिलता रहा तो आने वाले वर्षों में राज्य का टेक्सटाइल और गारमेंट्स सेक्टर उत्तर भारत का प्रमुख उत्पादन केंद्र बन सकता है। यहां के छोटे और मंझोले उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य का GDP योगदान और निर्यात क्षमता दोनों बढ़ेंगे।
मुजफ्फरपुर में रेडिमेड गारमेंट्स यूनिट की स्थापना
मुजफ्फरपुर में रेडिमेड गारमेंट्स यूनिट की स्थापना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। सरकार द्वारा दिया गया वित्तीय प्रोत्साहन न केवल निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा, बल्कि बिहार के लाखों युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाएगा।