मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट को बीजेपी के राजभूषण चौधरी ने अपने नाम किया. उन्हें यहां से 491359 वोट मिले. वहीं, मुकाबले में रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय निषाद को 300774 वोट मिले.इस बार लोकसभा की मतगणना के शुरुआत से ही चौंकने वाले नतीजे सामने आ रहे थे. बिहार की मुजफ्फरपुर सीट पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला.
ऐसे में सबकी निगाहें मुजफ्फरपुर सीट पर आने वाले परिणाम पर टिकी हुई थीं. इस सीट को बीजेपी के राजभूषण चौधरी ने अपने नाम किया. उन्हें यहां से 491359 वोट मिले. वहीं, मुकाबले में रहे कांग्रेस के उम्मीदवार अजय निषाद को 300774 वोट मिले.बता दें कि, मुजफ्फरपुर से 2019 के हिसाब से दोनों मुख्य प्रत्याशी दोबारा आमने-सामने थे, लेकिन इस बार दोनों की पार्टी और गठबंधन की अदला-बदली हो चुकी है.
दरअसल, बीजेपी से इस बार डॉ राजभूषण निषाद मैदान में थे, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी थे, वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में अजय निषाद मैदान में थे, जो बीते दो बार से बीजेपी के टिकट से जीत हासिल कर सांसद बने थे. कहने को तो मुजफ्फरपुर के सीट पर इस बार 26 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी में ही है.
वहीं मुजफ्फरपुर सीट से AIMIM प्रत्याशी अंजारुल हसन, बसपा से डॉ विजयेश कुमार, भारतीय सार्थक पार्टी से चर्चित अधिवक्ता सुधीर ओझा भी अपना भाग्य आजमाया था.
मुजफ्फरपुर सीट पर बीते कई चुनाव से एनडीए कैंडिडेट जीत हासिल करते रहे हैं, राजद को इस सीट पर आखिरी बार 1998 में जीत मिली, जब कैप्टन जयनारायण निषाद राजद में थे, वहीं उसके बाद 1999 में जनता दल (यु) से जयनारायण निषाद चुनाव जीते. उसके बाद 2004 पुनः जदयू प्रत्याशी जॉर्ज फर्नान्डिस चुनाव जीते, फिर 2009 में फिर से जयनारायण निषाद जनता दल यूनाइटेड से चुनाव जीतकर सांसद बने.
वहीं 2014 में कैप्टन जयनारायण निषाद के बेटे अजय निषाद को बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया, उन्होने कांग्रेस के डॉ अखिलेश सिंह को हराया था, वहीं 2019 में अजय निषाद ने वीआईपी प्रत्याशी डॉ राजभूषण चौधरी निषाद को 4 लाख से अधिक वोटों से हराया था.
अजय निषाद से पहले उनके पिता कैप्टन जयनारायण निषाद अलग अलग पार्टियों से 4 बार सांसद चुने गए. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नान्डिस भी 5 बार चुनाव जीतकर सांसद बने, यहीं से कई बार सांसद चुने गए. मुजफ्फरपुर सीट से कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती, जब एलपी शाही कांग्रेस प्रत्याशी थे.