back to top
26 नवम्बर, 2024
spot_img

मुजफ्फरपुर न्यूज : गायघाट में छठ पूजा के लिए घाटों में शुरू हुई साफ-सफाई, तैयारी पूरी 

spot_img
spot_img
spot_img
गायघाट, देशज टाइम्स। आस्था व विश्वास का पर्व छठ पूजा की व्यापक तैयारी शुरू हो गई है। पर्व को लेकर छटघाटों में साफ सफाई की जा रही है। शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू पर्व के अंतिम दिन सोमवार को उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। पूर्वांचल वासियों द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व में सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है।
मान्यता के अनुसार दीपावली के छठवें दिन मनाए जाने वाला छठ पूजा को लेकर पूर्वांचल वासियों में अपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो के समस्त छठ घाटों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों में साफ सफाई की जा रही है।बरूआरी, शिवदाहा, केवटसा, जारंग डीह, कमरथु, जया, लोमा, लोचा आदि स्थानों में सफाई का काम ग्रामीणों  द्वारा कराया जा रहा।
नदी घाटों में जेसीबी से लंबी दूरी तक गहरी करण कर रेतकी बोरी से ओवरफ्लो बनाया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु एक साथ अर्ध्य दे सकें। घाटों तक पहुंच को सुगम बनाने विद्युत व्यवस्था भी की जा रही है। श्रद्धालुओं की माने तो छठ पर्व शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू हो रहा है। इस दिन उपवास की तैयारी करने वाले व्रती श्रद्धालु स्वच्छ जल में स्नान करने के पश्चात व्रत का संकल्प लेते हैं।
विविध व्ययंजन खासकर लौकी की सब्जी बनाकर भोजन करते हैं। नहाय खाय के बाद शनिवार को खरना होगा। इसमें व्रती श्रद्धालु पूरे दिन उपवास रख कर शाम को खरना प्रसाद तैयार करते है। प्रसाद के तौर पर अरवा चांवल व गुड़ से बना खीर व ठेकुआ रोटी का चढ़ावा किया जाएगा। इसके बाद रविवार को डूबते सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाएगा।
पर्व में स्वच्छता और संयम नियम का विशेष महत्व होता है। पर्व को लेकर बाजार में रौनक शुरू हो गई है। लोक आस्था के महापर्व का अनुष्ठान 28 अक्टूबर की शुक्ल चतुर्थी शुक्रवार को नहाय खाय 29 अक्टूबर को भगवान भरकर को पूजन कर खरना का प्रसाद ग्रहण व 30 अक्टूबर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य से अर्ध्य दिया जाएगा।
सोमवार 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न करेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पर्व में उपासना करने से छठी माता प्रसन्न होकर परिवार में सुख,शांति,यश,वैभव प्रदान करती है व धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं। सूर्यदेव की पूजा अनुष्ठान करने से सुखमय फल की प्राप्ति होती है।
--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -