दीपक कुमार, गायघाट। अब कोई भी सरकारी विद्यालय बिना चहारदीवारी का नहीं रहेगा। चहारदीवारी निर्माण के लिए किसी खास फंड पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब सरकार ने स्कूलों की बाउंड्री मनरेगा से कराने (Boundary wall will be built in two schools of Gaighat through MNREGA) का निर्णय लिया है।
उन सभी प्रारंभिक विद्यालय जहां चारदीवारी नहीं है या क्षतिग्रस्त है वहां पर मनरेगा के तहत बाउंड्री का निर्माण कार्य कराया जायेगा। ये उक्त बाते मनरेगा पीओ मनोज कुमार ने जारंग पूर्वी पंचायत के फकीराडीह सघन एवं रामनगर बालक मध्य विद्यालय के चहारदीवारी शिलान्यास के दौरान मौके पर उपस्थित लोगों से कहीं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सूबे के बहुत से ऐसे प्रारंभिक विद्यालय हैं जहां चहारदीवारी की समस्या है।
चाहरदीवारी नहीं रहने तथा क्षतिग्रस्त एवं अपूर्ण रहने के कारण विद्यालय के बच्चों तथा शिक्षकों में सुरक्षा का अभाव रहता है। साथ ही असहजता बनी रहती है। चहारदीवारी विहीन विद्यालय में भूमि के अतिक्रमण की संभावना भी बनी रहती है। जिसे देखते हुए सभी प्राइमरी स्कूल की घेराबंदी कराने की पहल की जा रही है।
चहारदीवारी विहीन विद्यालय एवं क्षतिग्रस्त चहारदीवारी वाले विद्यालयों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी को डीएम के माध्यम से उपलब्ध कराने को कहा गया है।वहीं मनरेगा योजना के पीओ मनोज कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा मनरेगा योजना से चहारदीवारी कार्य कराने का आदेश मिला है। जिस विद्यालय में चहारदीवारी नहीं है। वहां प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा योजना से राशि का भुगतान किया जाएगा।