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22 जनवरी, 2024
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मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन पर अवैध टोल वसूली, अगर 10 KM के Range में कट प्वाइंट रोकने का आदेश था, तो…?

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Deepak Kumar, गायघाट | मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन के मैठी टोल प्लाजा और बायपास रोड पर हो रही अवैध टोल वसूली के मामले में प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। यह कदम स्थानीय ग्रामीणों और छात्र नेताओं के विरोध के बाद उठाया गया।


अवैध टोल वसूली का मामला

  • कार्यपालक दंडाधिकारी अजय कुमार और अपर जिला परिवहन पदाधिकारी राजू कुमार की टीम ने मैठी टोल प्लाजा और बायपास रोड के स्थानों पर जांच की।
  • जांच टीम ने स्थानीय ग्रामीणों से बयान भी लिया।
  • छात्र नेता चंदन यादव ने टीम को बताया कि मैठी टोल प्लाजा के प्रबंधक बिना किसी लिखित अनुमति के और नियमों का उल्लंघन करते हुए, कॉमर्शियल और प्राइवेट वाहनों से भी टोल वसूल रहे हैं।
  • विरोध करने पर ग्रामीणों के खिलाफ रंगदारी का केस दर्ज करवा दिया जाता है।
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टोल प्रबंधक का पक्ष

  • टोल प्रबंधक ने अपनी सफाई में कहा कि यदि टोल प्लाजा के 10 किलोमीटर के दायरे में किसी प्रकार का राजस्व नुकसान होता है, तो टोल वसूली की अनुमति दी जाती है।
  • उन्होंने दावा किया कि उनके पास वसूली के लिए सभी कानूनी प्रावधानों के तहत अनुमति प्राप्त है।
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जांच टीम का निरीक्षण

  • जांच टीम ने तीन प्रमुख कट पॉइंट्समैठी कट, बबुर्बन्नी कट, और हनुमान कट का निरीक्षण किया।
  • इन स्थानों पर बैरिकेडिंग पाई गई, लेकिन जैसे ही जांच टीम ने निरीक्षण किया, बैरियर हटा दिए गए
  • स्थानीय ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों से पूछा, “अगर 10 किलोमीटर के दायरे में कट प्वाइंट रोकने का आदेश था, तो आज आपकी टीम के आने पर ये वाहन कैसे बिना किसी रुकावट के जा रहे हैं?”

आगे की कार्रवाई

  • कार्यपालक दंडाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  • दोनों पक्षों को शुक्रवार को सभी कागजात के साथ बुलाया गया है और जांच पूरी होने के बाद, संयुक्त जांच रिपोर्ट एसडीओ पूर्वी को सौंप दी जाएगी।
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समाज और प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य

यह मामला अवैध वसूली के खिलाफ बढ़ते विरोध को दर्शाता है और प्रशासन की भूमिका को सवालों के घेरे में लाता है। स्थानीय लोगों की मदद और जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

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