दीपक कुमार, गायघाट | लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नजदीक आते ही जिले भर में तैयारियां जोरों पर हैं। छठ घाटों की सफाई, वेदियों का निर्माण और रंग-रोगन का काम शुरू हो चुका है। शहरी क्षेत्र में इस जिम्मेदारी को निकायों ने उठाया है, जबकि ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी तरफ से इस काम में जुटे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं और अपनी-अपनी ओर से तैयारियों में लगे हैं। बाजारों में रौनक दिखने लगी है, और पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
ग्रामीणों में खासा उत्साह
ग्रामीण क्षेत्रों में छठ महापर्व को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। यह चार दिवसीय पर्व मंगलवार, 5 नवंबर से “नहाय-खाय” के साथ शुरू होगा, और 8 नवंबर, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ महिलाएं व्रत तोड़ेंगी। इस दौरान घाटों की सफाई से लेकर व्रति के वेदियों को तैयार करने का काम भी तेज़ी से चल रहा है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सफाई कार्य
शहर और कस्बों में सफाईकर्मियों ने छठ घाटों की सफाई शुरू कर दी है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों ने अपने कंधों पर ली है। मंगलवार को पूरे दिन भर, शहर से लेकर गांव तक के छठ घाटों की स्वच्छता के लिए लोग जुटे रहे।
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता
प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने भी पर्व के दौरान उचित व्यवस्थाओं के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। छठ पूजा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की टीम गश्त और निगरानी में जुट गई है। साथ ही, प्रशासन ने घाटों के आसपास सफाई और सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं।
बाजारों में छठ की रौनक
बाजारों में छठ पूजा को लेकर खास रौनक देखने को मिल रही है। पूजा सामग्री, सूप, फल, पकवानों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानें सजी हुई हैं, और लोग खरीदारी में व्यस्त हैं। इस उत्सव के लिए विशेष रूप से हल्दी, नारियल, केला, शहद, गुड़ और अन्य सामग्रियों की भारी मांग है।
नदी और घाटों की सफाई पर विशेष ध्यान
पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा घाटों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नदी के किनारे और घाटों पर किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन ने सभी घाटों पर बैरिकेडिंग और रौशनी की व्यवस्था की है।
समुदाय के सामूहिक प्रयासों से सजे घाट
गांवों में लोग सामूहिक रूप से अपने-अपने छठ घाटों की सफाई कर रहे हैं। कुछ जगहों पर वेदियों का निर्माण भी किया जा रहा है, जहां पूजा के समय महिलाएं व्रत करती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामूहिक रूप से समुदाय की एकता का प्रतीक बनता है।
अंतिम समय में तैयारियां पूरी
छठ पूजा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और लोग अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं ताकि यह पर्व शांति, सौहार्द और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जा सके।