मुजफ्फरपुर न्यूज़: दिसंबर की शुरुआत हुई नहीं कि ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। रात का तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है, जिसने शहरवासियों को अचानक ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। आखिर इतनी जल्दी क्यों लौटी यह हाड़ कंपाने वाली सर्दी और इसका असर क्या होगा?
मुजफ्फरपुर में दिसंबर की शुरुआत होते ही कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। अमूमन इस समय इतनी ज्यादा ठंड नहीं पड़ती, लेकिन इस साल मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। आलम यह है कि रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया है, जिसने लोगों को अचरज में डाल दिया है। दिन ढलते ही सर्द हवाएं और अधिक ठिठुरन पैदा कर रही हैं और सुबह भी देर तक घना कोहरा छाया रहता है।
अचानक क्यों बढ़ी ठंड?
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं का असर इस अचानक बढ़ी ठंड का प्रमुख कारण हो सकता है। मैदानी इलाकों में ठंडी और शुष्क हवाओं के प्रवेश से तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर भी बिहार के मैदानी इलाकों तक पहुंच रहा है, जिससे मैदानी इलाकों में भी गलन बढ़ गई है।
जनजीवन पर असर
दिसंबर के पहले सप्ताह में ही इतनी कड़ाके की ठंड पड़ने से जनजीवन पर असर दिखना शुरू हो गया है। सुबह और शाम के समय सड़कों पर चहल-पहल कम हो गई है। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं और घरों के बाहर तथा सार्वजनिक स्थलों पर अलाव का सहारा ले रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि ऐसे मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
बाजारों में गर्म कपड़ों की बिक्री में तेजी आई है, वहीं चाय और कॉफी की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावक चिंतित हैं और सुबह की पाली के समय में बदलाव की मांग कर रहे हैं। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है और आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।






