दीपक कुमार। Muzaffarpur | मध्याह्न भोजन योजना के तहत विद्यालयों में पोषण वाटिका निर्माण और मॉनिटरिंग के लिए जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक आयोजित की। उन्होंने विभागीय मार्गदर्शिका के अनुरूप इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का निर्देश दिया।
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पहले चरण में 877 विद्यालयों का हुआ चयन
🏫 प्रथम चरण में जिले के 877 विद्यालयों का चयन किया गया है।
🌿 वे विद्यालय, जिनके परिसर में अतिरिक्त भूमि उपलब्ध है, वहां पोषण वाटिका बनाई जाएगी।
🥦 इसमें हरी पत्तीदार सब्जियां, सहजन, गोभी, मूली, गाजर जैसी पौष्टिक सब्जियां उगाई जाएंगी।
एमडीएम में होगा पोषण वाटिका की सब्जियों का उपयोग
🍲 इन सब्जियों का उपयोग विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन (MDM) योजना में किया जाएगा।
👧👦 बच्चों को पोषणयुक्त, ताजी और हरी सब्जियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
🌱 बागवानी गतिविधियों के जरिये छात्रों में खेती-बाड़ी और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित होगी।
प्रधानाध्यापक होंगे जिम्मेदार, डीईओ को मॉनिटरिंग का निर्देश
📌 विद्यालय में पोषण वाटिका निर्माण की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक को दी गई है।
📌 इसके लिए नियमानुसार आवश्यक राशि का भी प्रावधान किया गया है।
📌 डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को सतत एवं प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
जिला स्तरीय अभिसरण समिति का गठन
📅 पोषण वाटिका के प्रभावी संचालन के लिए जिला स्तरीय अभिसरण समिति का गठन किया गया है।
👥 बैठक में उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
👉 इस पहल से बच्चों को न केवल पौष्टिक आहार मिलेगा, बल्कि उन्हें बागवानी से जोड़ने की प्रेरणा भी मिलेगी।