दीपक कुमार,#Muzaffarpur #देशज टाइम्स। जिले के पानापुर ओ.पी. में पुलिस द्वारा युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग (BHRC) तक पहुंच गया है। इसमें, पानापुर ओपी में पुलिस की बर्बरता की पूरी दास्तांन है। साथ ही, पीड़ित परिवार ने NHRC और BHRC में जो कहा है वह सब याचिका में है।
क्या है मामला?
- रौशन प्रताप सिंह अपने साले अमन कुमार से मिलने पानापुर ओपी पहुंचे थे, जहां पुलिस ने अमन को बंद कर रखा था।
- ओपी अध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने अमन कुमार को छोड़ने के बदले एक लाख रुपये की मांग की।
- रौशन प्रताप सिंह ने विरोध किया, तो पुलिस ने उन्हें भी लॉक-अप में डाल दिया और हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से पीटा।
- परिवार के अन्य सदस्य जब छुड़ाने पहुंचे, तब पुलिस ने 70 हजार रुपये लेकर दोनों को छोड़ा।
मोटरसाइकिल छुड़ाने के लिए 30 हजार की मांग
- पुलिस ने रौशन प्रताप सिंह की अपाचे बाइक जब्त कर ली और 30 हजार रुपये देने पर ही लौटाने की शर्त रखी।
- वर्तमान में पीड़ित का इलाज SKMCH, मुजफ्फरपुर में जारी है।
मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने क्या कहा?
- “यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का मामला है।”
- “इस मामले में न्यायिक पारदर्शिता और उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।”
पुलिस प्रशासन पर बढ़ा दबाव
इस मामले में पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। मानवाधिकार आयोग से शिकायत के बाद अब थाना प्रभारी पर कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, ओपी अध्यक्ष राजबल्लभ यादव कहना है कि मामला मनगढ़ंत है। ऐसी कोई बात नहीं हुई है। फिलहाल, पूरा मामला जांच की जद में है। देशज टाइम्स थाना में युवक की पिटने की पुष्टि नहीं करता।
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