नालंदा (Bihar News), देशज टाइम्स: बिहार में स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (BCM) आशुतोष कुमार को बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
शिकायत पर हुई कार्रवाई
पीड़िता रसीदा प्रवीण ने निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि BCM आशुतोष कुमार ने उसे आशा कर्मी बहाली (ASHA Worker Recruitment) में चयन करने के लिए रिश्वत की मांग की। शिकायत का सत्यापन कराया गया। सत्यापन में रिश्वत मांगने का प्रमाण मिला। इसके बाद ब्यूरो ने पटना निगरानी टीम को कार्रवाई का आदेश दिया।
निगरानी टीम ने रची रणनीति
पुलिस उपाधीक्षक श्याम बाबू प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष धावादल का गठन हुआ। जाल बिछाकर आरोपी को उसके ऑफिस (इस्लामपुर PHC) में पकड़ा गया। टीम ने 40,000 रुपये लेते ही उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद अगला कदम
आरोपी आशुतोष कुमार से पूछताछ की जा रही है। उसे पटना निगरानी की विशेष अदालत (Special Vigilance Court) में पेश किया जाएगा। मामले की गहन जांच जारी है।
भ्रष्टाचार पर बड़ा सवाल
यह मामला बताता है कि बिहार में आशा बहाली प्रक्रिया (ASHA Recruitment Process) किस तरह भ्रष्टाचार और घूसखोरी से प्रभावित है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए नियुक्त की जाने वाली आशा कार्यकर्ता (Accredited Social Health Activist) की बहाली भी अब पैसे के खेल में फंस गई है।




