शराबबंदी कानून को लेकर एक मुखिया ने ठेंगा दिखाया है। सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। वहीं, शराबबंदी को लेकर ऐसा दलील दिया कि पूछिए मत। मुखिया ने शराब पीकर कहा कि नीतीश कुमार सरकार की शराबबंदी थोथी दलील है। खाने-पीने का अधिकार जनता का है ना कि सरकार तय करेगी। अगर बिहार में शराबबंदी भी हुई तो केवल कागजी है, जिसे अमलीजामा सही तरीके से नहीं बनाया जा रहा है। जब गांव- गांव में शराब बिक रहे हैं, तो कानून कैसा। फिर क्या हुआ क्योंकि मामला नालंदा से जुड़ा है… पढ़िए पूरी खबर
नवादा जिले के सदर प्रखंड के जमुआमां पटवा सराय के मुखिया वीरेंद्र मांझी शराब पीकर शराबबंदी में उलझ गए हैं। पहले तो उन्होंने शराब पीकर इलाके में खूब उत्पात मचाया। जिसे कादिरगंज ओ पी के थाना प्रभारी सूरज कुमार ने गिरफ्तार कर लिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मुखिया ने शराब पीकर कहा कि नीतीश कुमार सरकार की शराबबंदी थोथी दलील है ।खाने-पीने का अधिकार जनता का है ना कि सरकार तय करेगी ।अगर बिहार में शराबबंदी भी हुई तो केवल कागजी है ।जिसे अमलीजामा सही तरीके से नहीं बनाया जा रहा है।
जब गांव- गांव में शराब बिक रहे हैं, तो कानून कैसा। मुखिया शराब पीकर ग्रामीणों के बीच अपना भाषण कर उत्पात मचा रहा था। जिसकी सूचना थाना प्रभारी को दी गई ।पुलिस ने मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है । मुखिया ने साफ तौर पर कहा कि इलाके में जमकर शराब बिक रही है।
इस काले कमाई में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हो खा रहे हैं ।अगर पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों में दम है तो शराब बिक्री पर पूर्णतःरोक लगाकर दिखाएं ।उसने साफ तौर पर कहा कि अगर शराब मिले ही नहीं, तो लोग कहां से पिएंगे। उन्होंने शराब बंदी कानून को अव्यावहारिक बताते हुए इसे हटाने की मांग की।





