नवादा स्टेशन पर अफरातफरी: हमसफ़र एक्सप्रेस में चढ़ने को मची होड़, कई यात्री चोटिल
नवादा | गया रेलखंड के नवादा स्टेशन पर गोड्डा-नई दिल्ली हमसफ़र एक्सप्रेस के रुकते ही अराजक स्थिति बन गई। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि रिजर्वेशन वाले कई यात्रियों की ट्रेन छूट गई। भीड़ के दबाव में कई यात्री चोटिल हो गए, जिससे रेल प्रशासन की व्यवस्था और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
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भीड़ के कारण यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पाए
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ इतनी अधिक थी कि रिजर्व सीट वाले यात्री भी अपनी बोगी तक नहीं पहुंच सके। इस दौरान, स्टेशन पर न कोई पुलिसकर्मी नजर आया और न ही टीटीई मौजूद था।
यात्रियों ने बताया:
👉 “हमने कई बार कोशिश की, लेकिन ट्रेन में चढ़ने का रास्ता नहीं मिला।”
👉 “स्टेशन पर अव्यवस्था की वजह से हमारा रिजर्वेशन होने के बावजूद यात्रा करना असंभव हो गया।”
दरवाजे बंद होने पर श्रद्धालु हुए आक्रोशित
भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कुछ बोगियों के दरवाजे बंद कर दिए गए, जिससे कुंभ स्नान को जा रहे यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा।
- गुस्साए लोगों ने ट्रेन के शीशे तोड़ने की कोशिश की।
- स्थिति बिगड़ती देख, अंततः रेलवे कर्मचारियों को बोगियों के दरवाजे खोलने पड़े।
- इस बीच, स्टेशन पर जमकर धक्का-मुक्की और गाली-गलौज हुई।
हमसफ़र एक्सप्रेस 25 मिनट तक स्टेशन पर रुकी
👉 आमतौर पर 2 मिनट रुकने वाली ट्रेन भीड़ की वजह से करीब 25 मिनट तक नवादा स्टेशन पर खड़ी रही।
👉 कुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं का कहना था कि “भीड़ कितनी भी हो, हमें प्रयागराज स्नान के लिए जाना ही है।”
👉 स्टेशन पर कोई रेलवे पुलिस नजर नहीं आई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
रेल प्रशासन की घोर लापरवाही?
🚉 नियंत्रण के लिए कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
🚉 स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए।
🚉 यात्रियों के लिए अलग से कोई विशेष ट्रेन या अतिरिक्त कोच की व्यवस्था नहीं थी।
इस घटना के बाद, यात्रियों में रेलवे प्रशासन को लेकर भारी आक्रोश है। यात्रियों की मांग है कि रेलवे को ऐसे धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि रिजर्वेशन वाले यात्रियों को असुविधा और अफरातफरी का सामना न करना पड़े।