बिहार के सरकारी स्कूलों को नया फरमान सौंपा गया है। इसके तहत अब हर रोज मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट बनेंगी। शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद स्कूल के हेडमास्टरों में हड़कंप मचा है। वहीं,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हर दिन इसकी मॉनिटरिंग होगी।
जानकारी के अनुसार, स्कूलों में बच्चों के मध्याह्न भोजन की जांच अब एक जुलाई से प्रत्येक कार्यदिवस पर होगी। पहले यह व्यवस्था मासिक थी जिसे अब रोजाना करते हुए जांच की बात कही गई है।
इसकी रिपोर्ट हर शाम में ही आ जाएगी कि किस स्कूल में भोजन नहीं पका है। किसमें पका तो क्या पका। किस स्कूल में एमडीएम नहीं बना, इसका कारण जानकारी सभी बीआरपी प्रतिदिन 4 बजे तक अपने जिले के डीआरपी को देंगे। डीआरपी 5 बजे तक डीपीओ (एमडीएम) को रिपोर्ट देंगे।
जानकारी के अनुसार,9 से 3 बजे के बीच अधिकारी निरीक्षण कर देखेंगे कि स्कूल में एमडीएम बना या नहीं। किस समय बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया गया। एमडीएम की गुणवत्ता के साथ ही साफ-सफाई की जांच की जाएगी।
साथ ही,बच्चों को शुद्ध पेयजल और भोजन की उपलब्धता के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा गया है।
साथ ही मध्याह्न भोजन के उपयोग में लाई जाने वाली खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और जलस्रोतों-चापाकल की भी ठीक ढंग से सफाई करने को कहा है। रसोईघर व भंडारगृह के साथ-साथ विद्यालय परिसर की अच्छी तरह से साफ-सफाई के लिए कहा गया है।
एमडीएम निदेशक मिथिलेश मिश्र नेडीपीओ (एमडीएम), प्रखंड साधन सेवी (बाआरपी) और जिला साधन सेवी (डीआरपी) के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर निरीक्षण संबंधी जानकारी दी। कहा गया कि एमडीएम के दायित्व की मासिक रूप से अब तक रिपोर्टिंग होती थी, अब प्रतिदिन मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग होगी।
किस स्कूल में एमडीएम नहीं बना, इसका कारण जानकारी सभी बीआरपी प्रतिदिन 4 बजे तक अपने जिले के डीआरपी को देंगे। डीआरपी 5 बजे तक डीपीओ (एमडीएम) को रिपोर्ट देंगे। जिलों के 6 बजे तक पूरी रिपोर्ट एमडीएम निदेशक के पास आएगी।
रोजाना सात बजे शाम में निदेशक एमडीएम सभी जिले से प्राप्त रिपोर्ट को एसीएस की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में देंगे। इसके पहले एमडीएम निदेशालय ने जिलों को गर्मी की छुट्टी के बाद मध्याह्न भोजन को लेकर सरकार ने साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने का निर्देश दिया।