बिहार में शिक्षा विभाग लगातार एक्शन में है। ताजा निर्देश यह है प्रदेश सरकार के बहाल टोला सेवक या शिक्षा सेवक पर सख्ती बरती जाएगी। उन्हें नया टास्क सौंपा गया है।
अगर अब स्कूलों में बच्चे कम पहुंचे तो सीधी कार्रवाई इन्हीं पर होगी। इनका वेतन काटा जाएगा।शिक्षा विभाग का नया आदेश यही है, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम हुई तो टोला सेवकों का वेतन कटेगा।
जानकारी के अनुसार,अभिभावकों को जागरूक करते हुए बच्चों के पढ़ाने के लिए स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी टोला सेवकों को दी गई थी। इसके बदले में उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है।
टोला सेवक पर विभागीय स्तर पर भी कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था। नियोजन के तहत वेतन तो लेते थे, लेकिन कार्य के नाम पर जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आता था।
ऐसे में, प्रदेश में तय स्कूलों के फीसद के तहत कम बच्चे मिलें तो इनके वेतन में कटौती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि जिस टोले से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम रहेगी, उन टोला सेवकों या शिक्षा सेवकों के मानदेय में कटौती की जाएगी।