बिहार के नियोजित शिक्षकों (Bihar Teachers) ने एक बार फिर मैट्रिक और इंटर परीक्षा (Matric-Inter Exam 2021) से पहले कार्य बहिष्कार (Niyojit teachers of bihar boycott matric and enter exam duty) पर जाने का एलान कर दिया है। इससे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है।
नियोजित शिक्षकों (Bihar Teachers) की लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सरकार में मंथन में चल रहा है। शिक्षकों की मांग पर सरकार ने कुछ दिनों पहले 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन अबतक शिक्षकों को ना तो बढ़े हुए वेतन की राशि मिली है। ना ही एरियर का भुगतान हुआ है।
पूरे मामले को लेकर बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ ने कल सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की। इसके बाद से ही बिहार के नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2021 से पहले कार्य बहिष्कार पर जाने का एलान कर दिया।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल ने फैसला ले लिया कि जनवरी तक अगर शिक्षकों को एरियर और वेतन वृद्धि की राशि नहीं मिलेगी तो राज्यभर के साढ़े 3 लाख प्रारम्भिक स्कूल के शिक्षक 1 फरवरी से आयोजित इंटर और 17 फरवरी से आयोजित मैट्रिक परीक्षा के दौरान कार्य बहिष्कार करेंगे।
वहीं बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन का भुगतान एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से होगा। एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से शिक्षकों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसमें पंचायती राज और नगर निकायों के स्कूल में कार्यरत टीचर एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए 5,200 से 20,200 के वेतनमान के साथ ग्रेड पे क्रमश: 2000, 2400 और 2800 लागू है।
कैलकुलेटर वाले फैसले से नाराजगी
शिक्षकों को सरकार के कैलकुलेटर वाले फैसले पर नाराजगी है। इसमें शिक्षा विभाग ने कहा है कि वेतन निर्धारण के लिए आनलाइन कैलकुलेटर तैयार किया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों की मानें तो इससे पहले भी शिक्षकों के ट्रांसफर के नाम पर 2 साल से सिर्फ टाल मटोल किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर तैयार करने का बहाना बनाया जा रहा है। ऐसे में कार्य बहिष्कार के अलावा अब शिक्षकों के पास कोई रास्ता नहीं है। शिक्षकों ने सरकार को जनवरी तक मांगे पूरी करने की मोहलत दे दी है।
अप्रैल में क्या हुआ था, जिससे जगी थी लाखों टीचर्स को फायदे की उम्मीद
सरकार ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में काम कर रहे नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए बढ़ती महंगाई के बीच शिक्षा विभाग ने कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान में 2500 रुपए से लेकर 4500 रुपए तक बढ़ाने का मन बनाया था। सरकार के इस फैसले से लगभग पौने तीन लाख शिक्षकों को फायदा होगा, जो अब तक नहीं हुआ है।