पटना के एम्स में मरीजों के साथ निजी सुरक्षाकर्मी द्वारा किए गए जानलेवा हमला को लेकर मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पटना एम्स के डायरेक्टर और बिहार के डीजीपी को जारी किया गया है। एनएचआरसी ने इसकी रिपोर्ट चार दिन के अंदर सौंपने को कहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,नई दिल्ली ने पटना एम्स के डायरेक्टर और बिहार डीजीपी को भेजी गई नोटिस में कहा है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर की शिकायत पर आयोग ने विचार किया है, जो पूरी तरह से मानवाधिकार हनन से जुड़ा मामला है।
एनएचआरसी ने मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एनएचआरसी ने इसकी रिपोर्ट चार दिन के अंदर सौंपने को कहा गया है।
साथ ही जल्द इस मामले में जांच करने को कहा गया है।एनएचआरसी ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी को इस मामले में आयोग के निर्देश के अनुपालन के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है
जानकारी के अनुसार,5 और 6 अक्टूबर को पटना एम्स में सुरक्षाकर्मियों ने एक कैंसर मरीज और एक अन्य मरीज के परिजनों की निजी सुरक्षाकर्मी की लाठी डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी। इस पिटाई से एक मरीज के परिजन बेहोश हो गये थे, जबकि दूसरे परिजन का सिर फट गया था। घटना के बाद पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ।
जानकारी के अनुसार, उसे बेड नहीं मिलने पर परिजन उग्र हो गए और एम्स के सुरक्षाकर्मी उन्हें पीटने लगे। जिसको लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर इस पर त्वरित कार्रवाई की प्रति मुख्य सचिव, बिहार सरकार को भेजकर उपरोक्त प्राधिकारियों द्वारा आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जारी नोटिस में लिखा है कि मरीज के परिजनों दीपक कुमार और जीतेंद्र कुमार के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर से 06/10/2023 को प्राप्त शिकायत-सूचना को आयोग के समक्ष 07/10/2023 को रखी गई थी। आयोग ने इसका अवलोकन करने के बाद निम्नलिखित आदेश पारित किया है।