बिहार में अब बिजली आम उपभोक्ताओं को रूलाने जा रही है। इसकी कीमत इतनी हो जाएगी कि सोच भी नहीं सकते आप। आगामी वित्तिय वर्ष से बिहार मे बिजली की दरों में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
इतना ही नहीं बिहार में अब बिजली उपभोक्ताओं को दूसरा बड़ा झटका लगने वाला है। तय लोड से अधिक बिजली का खपत करने पर अपने आप लोड बढ़ जायेगा।
अब उपभोक्ता खुद से अपने खपत के आधार पर कनेक्शन का लोड नहीं बढ़ाएंगे तो बिजली कंपनी स्वयं लोड को बढ़ा देगी। हालांकि, इसकी जानकारी बिजली उपभोक्ता के मोबाइल पर दी जाएगी। बिजली कंपनी को लगातार कई महीनों से स्मार्ट प्री पेड मीटर में अधिक बिजली खपत होने की शिकायत मिल रही है। इसके कारण बिजली कंपनी परेशान हो गया है। इसके बाद बिजली कंपनी ने इस तरह की व्यवस्था की है।
बिहार में नए वित्त वर्ष साल 2023 के अप्रैल महीने से 40% बिजली महंगी होने की संभावना है। मंगलवार को बिजली कंपनियों की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग के पास संबंधित प्रस्ताव को संबंध में कि याचिका दायर की जायेगी।
बिजली कंपनियों की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष इससे संबंधित प्रस्ताव को लेकर याचिका सौंपी जाएगी। कंपनी ने इसकी तैयारी कर ली है। बीते वर्षों की तर्ज पर इस बार भी कंपनी ने अनुदानरहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। हालांकि आयोग कंपनी की याचिका पर जनसुनवाई के बाद ही नई दर तय करेगा।
बिजली कंपनी की ओर से प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर तक बिजली दर का प्रस्ताव आयोग को सौंपा जाता रहा है। इसी तर्ज पर इसी तर्ज पर बिजली कंपनियां आयोग को याचिका सौंपेगी। याचिका में विशेष बिजली आपूर्ति की लागत में वृद्धि के आधार पर, कंपनी ने सभी श्रेणियों के लिए दक्षता में 35-40 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे कंपनी का तर्क है कि केंद्र सरकार ने बिजली इकाइयों के लिए विदेशी कोयले के इस्तेमाल का मानक तय किया है।
इससे बिहार समेत तमाम राज्यों को आज से महंगी बिजली मिलेगी। साथ ही कंपनी फिक्स चार्जेज में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखने वाली है। कंपनी उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने का हवाला देते हुए याचिका में अधिक दर वृद्धि की गुहार लगा रही है।
कंपनियों की तरफ से विद्युत विनियामक आयोग को जो प्रस्ताव दिया गया है, उसमें न सिर्फ बिजली की दरों को बढ़ाने का बात कही गई है। बल्कि प्रस्ताव में घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बने स्लैब की संख्या तीन से घटाकर दो करने की बात कही गई है। जिसका सीधा प्रभाव बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
अभी जो तीन स्लैब हैं, उसमें शहरी क्षेत्र के 100-200 यूनिट और ग्राणी क्षेत्र के 51-100 यूनिट वाले स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा। अभी इस स्लैब में क्रमशः 6.95 रुपए और 6.40 रुपए प्रति यूनिट की दर से चार्ज किए जाते हैं। इस स्लैब के खत्म होने के बाद 100 यूनिट से ज्याद खपत करनेवाले उपभोक्ताओं को तीसरे स्लैब की बिजली दरों के आधार पर भुगतान करना होगा। तीसरे स्लैब में शहरी क्षेत्र में 8.05 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 6.70 पैसे प्रति यूनिट चार्ज किया जाता है।
बिजली कंपनी के अधिकारी संजीव हंस प्रधान सचिव ऊर्जा विभाग अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक का कहना है कि कंपनी ने निर्धारित समय के भीतर बिजली शुल्क याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। बिजली उत्पादन इकाइयों में विदेशी कोयले के उपयोग की बाध्यता और बिजली आपूर्ति में होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए वृद्धि का प्रस्ताव किया जा रहा है।
इसके अलावे ,जानकारी के अनुसार, स्मार्ट प्री पेड़ मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की यह शिकायत थी कि पूर्व की तुलना में उनका बिजली बिल अधिक हो जा रहा है। उपभोक्ताओं की ओर से रिचार्ज की राशि बहुत जल्द खत्म होने की बात कही जा रही थी।
जब बिजली कंपनी ने संबंधित एजेंसी के साथ मिलकर जांच कराई तो यह बात सामने आया कि कई उपभोक्ता ने अपने बिजली कनेक्शन के तहत जो लोड ले रखा है, उससे अधिक बिजली का खपत कर रहे हैं। खपत के दौरान यूनिट बढ़ जाने के कारण यह समस्या आ रही है।