जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार ने बालू माफिया के आलाधिकारियों पर लगातार हो रहे हमले को गंभीरता से लिया है। नीतीश सरकार ने इसको लेकर बड़ा फैसला किया है।
सरकार ने राज्य के माइनिंग इंस्पेक्टर को हथियार चलाने की ट्रेनिंग का फैसला लिया है। खान एवं भूतत्व विभाग अपने निरीक्षकों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देगा। मद्य निषेध, आबकारी और पंजीकरण विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में खनन अधिकारियों को शस्त्र प्रशिक्षण और बल कमांडिंग कौशल प्रदान किया जाएगा।
इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण में 30 महिला अधिकारियों समेत 90 निरीक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही पटना, सारण, वैशाली, भोजपुर और कैमूर जिलों में खनन विभाग के अधिकारियों की सहायता के लिए माइनिंग प्रोटेक्शन फोर्स बनाई जाएगी।
कुछ दिनों पहले ही बिहटा में महिला खनन निरीक्षक के साथ मारपीट का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया था। जिसके बाद उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे। अब, राजस्व संग्रह, बालू घाटों की बंदोबस्त, पर्यावरण स्वीकृति और अवैध खनन के विरूद्ध की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए खान एवं भूतत्व विभाग नौ मई को उच्च स्तरीय बैठक करेगा।
बैठक की अध्यक्षता खान सचिव करेंगे। बालू, पत्थर और ईंट के साथ नीलाम पत्र और जुर्माने के रूप में आए राजस्व संग्रह की समीक्षा होगी। बैठक में बालू के अवैध खनन के खिलाफ जिलों में अब तक कितनी कार्रवाई की गई है और कितना जुर्माना वसूला गया है, इसकी भी समीक्षा होगी।