पटना,देेशज न्यूज। बिहार में 50 साल से ऊपर के अक्षम सरकारी सेवकों को जबरन रिटायर करने के सरकारी आदेश पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस सहित (Opposition and Police Mens Association opposes forced retire) पुलिस एसोसिएशन ने विरोध जताया है।
राजद राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने ट्वीट कर गुरुवार को कहा कि बिहार सरकार के इस आदेश पर कहा कि ये उस राज्य का ‘तुगलकी फरमान’ है जहां एक बड़ी आबादी को 40 से 45 वर्ष की उम्र में एक अदद नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है। उन्होंने कहा कि अक्षमता’ अगर पैमाना हो तो ‘शासनादेश’ से उत्पन्न इस सरकार को ही रिटायर हो जाना चाहिए।
सरकार के इस फैसले के विरोध में पुलिस मेंस एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने कहा कि पुलिस विभाग में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने इस फैसले को सामूहिक जनसंहार बताया है। सरकारी कर्मियों के ऊपर कई तरह की ज़िमेदारी होती है तो उस वक्त जबरन नौकरी से निकालना मृत्युदण्ड जैसा ही है। उन्होंने इस (Opposition and Police Mens Association opposes forced retire) फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि 50 साल से ज्यादा अक्षम लोगों को जबरन रिटायर्ड मामले में एडीजी पुलिस हेड क्वार्टर जितेंद्र कुमार ने बयान देते हुए कहा है कि गृह विभाग ने कमिटी का गठन किया है। आगे (Opposition and Police Mens Association opposes forced retire) कमिटी द्वारा जैसे दिशा निर्देश दिए जाएंगे वैसा आगे कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने जुलाई 2020 में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, अब उसने अपने फैसले को अमलीजामा पहनाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सरकार ने इस काम के लिए कमेटी का गठन किया है। तीन सदस्यों और चार सदस्यों की दो अलग-अलग कमेटियां गठित की गई हैं। गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी समूह क वाले अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करेगी।








