
Padmashree Dr. Usha Kiran | Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | दरभंगा पड़ा उदास…. हिंदी, मैथिली की प्रख्यात देश की लेखिका पद्मश्री उषा किरण खान का निधन, साहित्य के हर पन्ने, मैथिली-हिंदी की हर साहित्य आज रो पड़ा है जहां दरभंगा की रहने वाली, लहेरियासराय की बेटी हिंदी और मैथिली की प्रख्यात लेखिका पद्मश्री प्रोफेसर उषा किरण खान का आज निधन हो गया है।
Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | दरभंगा समेत संपूर्ण बिहार ही नहीं पूरा देश शोकाकुल है
इस निधन से दरभंगा समेत संपूर्ण बिहार ही नहीं पूरा देश शोकाकुल है। साहित्य जगत को आज बड़ी क्षति तब पहुंची जब पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसे ली। उषा किरण पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | डॉ. उषा किरण खान मूल रूप से दरभंगा के लहेरियासराय की रहने वाली थीं
पूर्व आईपीएस रामचंद्र खान की पत्नी डॉ. उषा किरण खान मूल रूप से दरभंगा के लहेरियासराय की रहने वाली थीं। डॉ. उषा किरण की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पटना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां आज शाम 3:08 बजे उनका निधन हो गया। उषा किरण खान दरभंगा जिले के लहेरियासराय की रहने वाली थी।
Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | वह 78 साल की थी
जानकारी के अनुसार, मैथिली और हिंदी की सुप्रसिद्ध साहित्यकार उषा किरण खान का रविवार को निधन हो गया है। वह 78 साल की थी। वहीं,अप्रैल 2022 में उषा किरण खान के पति और पूर्व डीजीपी रामचन्द्र खान का भी निधन हो गया था।
Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | उषा किरण ने मैथिली भाषा में लिखी है दर्जनों किताबें
2015 में पद्मश्री उषा किरण खान जो मूलत: दरभंगा जिले के लहेरियासराय की रहने वाली थी को ‘पद्मश्री’ से विभूषित किया गया। उषा किरण खान को 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ, 2019 में भारत-भारती और 2020 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान मिला। इसके अलावा उन्हें राष्ट्रभाषा परिषद का हिंदी सम्मान, राजभाषा विभाग का महादेवी वर्मा सम्मान सहित कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार-सम्मान दिए जा चुके हैं।
Usha Kiran Khan Passed Away | Darbhanga News | जन्म 24 अक्टूबर 1945 को…आज निधन से उदासी है…
उषा किरण खान का जन्म 24 अक्टूबर 1945 को हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से भारतीय प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्त्व विज्ञान में पीजी की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी किया। उषा किरण खान ने हिंदी के अलावा मैथिली भाषा में दर्जनों किताबें लिखी हैं।