दिल्ली से खबर है कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (1 दिसंबर, 2025) को हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा में ‘एसआईआर’ मुद्दे पर विपक्ष के जोरदार विरोध के बाद कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। आखिर क्या है यह ‘एसआईआर’ का मसला, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं?
संसद के निचले सदन, लोकसभा में सोमवार को ‘एसआईआर’ (SIR) के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष लगातार इस मसले पर सदन में विस्तृत बहस की मांग कर रहा था, जिसके चलते सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पाई। हंगामे को देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही को मंगलवार, 2 दिसंबर, 2025 तक के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया। इस घटनाक्रम पर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
एनडीए सहयोगियों का विपक्ष पर पलटवार
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “पिछला सत्र जिस तरह ‘एसआईआर’ के मुद्दे पर पूरी तरह से धुल गया था, वैसा ही असर इस सत्र में भी देखने को मिल रहा है। सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, जिस पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है। लेकिन, विपक्ष की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सदन की गरिमा बनाए रखे और सत्र को चलने दे।” उन्होंने संसद में रचनात्मक बहस की आवश्यकता पर जोर दिया।
एलजेपी (रामविलास) सांसद अरुण भारती ने सदन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि, “यह वो जगह है जहां देश के लिए नीतियां बनती हैं। सभी नागरिकों को यह उम्मीद होती है कि संसद चलेगा और देशहित में महत्वपूर्ण नीतियां तैयार होंगी।” इसी कड़ी में, सांसद शांभवी चौधरी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “संसद लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। यहां जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों की आवाज उठाने और देश के लिए योजनाएं बनाने आते हैं। यह चर्चा करने का स्थान है, हंगामे का नहीं।”
‘एसआईआर’ मुद्दे पर बिहार में सियासी वार-पलटवार
‘एसआईआर’ के पूरे मुद्दे पर बिहार में भी सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाताओं ने ‘एसआईआर’ के नाम पर फैलाई जा रही बातों को सिरे से नकार दिया। जायसवाल ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने ‘एसआईआर’ के नाम पर बिहार में ‘वोट चोरी की यात्रा’ निकाली थी, जिससे पूरे देश में यह संदेश गया कि राहुल गांधी अफवाह फैलाने का काम करते हैं।
दिलीप जायसवाल ने मतदाता सूची शुद्धीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए निम्नलिखित बिंदुओं का उल्लेख किया:
- मतदाता सूची का शुद्धीकरण अत्यंत आवश्यक है।
- जिन मतदाताओं की मृत्यु हो गई है, उनके नाम सूची से हटाए जाने चाहिए।
- जो लोग दो जगहों से मतदाता हैं, उनका नाम एक जगह से हटाया जाना चाहिए।
उधर, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, “विपक्ष ‘एसआईआर’ के मुद्दे पर ही बिहार विधानसभा चुनाव में गया था। जनता ने उन्हें कहां बिठा दिया, यह सबके सामने है।” उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव आयोग ने लगातार कहा था कि यदि किसी का नाम मतदाता सूची से गलत तरीके से कटा है तो वे शिकायत करें, लेकिन कोई भी राजनीतिक दल एक भी शिकायत लेकर नहीं आया। संजय झा ने जोर देकर कहा कि बिहार में चुनाव से पहले ‘एसआईआर’ के नाम पर यात्राएं निकलीं, लेकिन चुनाव परिणामों ने बता दिया कि जनता ने किसे स्वीकार किया और किसे नकारा।








