मई का फैसला जुलाई में आकर पलट गया। मई में अमीन और राजस्व कर्मचारियों का बिहार में कहीं भी तबादला करने के लिए भूमि सुधार विभाग ने नया कैडर तैयार करने की बात कही थी। इसके तहत अमीन सह राजस्व कर्मचारी कैडर की नियमावली तैयार करते हुए इसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की ओर से अधिसूचना भी जारी हो गई कि गजट में अधिसूचित होने के साथ ही नया कैडर प्रभाव में आ जाएगा।
इससे पहले अमीन और राजस्व कर्मचारियों का जिला स्तरीय अलग-अलग कैडर था। इस सेवा में नियुक्त हुए कर्मी अपने ही जिले में पदस्थापित होते थे। जिलाधिकारी ही इनके तबादले-पदस्थापन के सर्वेसर्वा होते थे। राज्य स्तरीय कैडर के गठन के बाद राज्य भर में इनका कहीं तबादला हो सकता है। फिलहाल पहले से इन पदों पर कार्यरत अमीन और राजस्व कर्मचारी अपने आप इस कैडर के सदस्य हो गए हैं। मगर, अब सीएम नीतीश कुमार ने सबकुछ बदलकर रख दिया है। अब फिर से डीएम पावर में लौट आएं हैं। पढ़िए क्या है आज की अपडेट
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने बीजेपी (BJP) कोटे के मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Rai) के विभाग का एक और फैसला पलट दिया है। अब एक बार फिर से पहले की तरह ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का ट्रांसफर अब दूसरे जिलों में नहीं होगा।स
बिहार में अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का ट्रांसफर अब दूसरे जिलों में नहीं होगा। यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसके तहत अब अमीन और राजस्व कर्मियों का तबादला जिले से बाहर नहीं होगा।
पुरानी नियमावली लागू होने के बाद एक बार फिर से अमीन और कर्मचारियों का ट्रांसफर केवल जिले के डीएम कर पाएंगे। डीएम किसी भी कर्मचारी का ट्रांसफर जिले के अलग-अलग ब्लॉक में कर पाएंगे। नई नियमावली में अमीन और कर्मचारी के ट्रांसफर का अधिकार ले लिया गया था।
नीतीश सरकार ने बिहार अमीन सह राजस्व कर्मचारी संवर्ग नियमावली 2022 को रद्द किया था इसके बाद पुराने संवर्ग नियमावली 2013 को लागू कर दिया गया। नियमावली में बदलाव के फैसले के बाद अब अमीन और राजस्व कर्मचारी जहां फिलहाल जहां ड्यूटी कर रहे हैं वहीं उनकी पोस्टिंग बनी रहेगी।
नई नियमावली में कहा गया था कि तीन साल से ज्यादा समय से एक ही जिले जगह पर तैनात अमीन और राजस्व कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। नियमावली में कहा गया था कि कर्मचारियों और अमीन को एक प्रमंडल छोड़कर दूसरे में ट्रांसफर दिया जाएगा। इसके पीछे मकसद यह था कि एक पंचायत या एक ही जगह पर 10 साल या इससे ज्यादा समय से जमे कर्मचारियों को हटाया जाए, लेकिन नई नियमावली निरस्त कर दी गई है। इसके बाद पुरानी व्यवस्था फिर से लागू हो गई है यानी फिलहाल कोई भी कर्मचारी अपने वर्तमान जिले से नहीं हटेंगे।