बन गई बात…। अटकलों पर लगा विराम। विपक्ष का ना चाहिए समर्थन। ना जाना है राष्ट्रपति भवन। नीतीश कुमार बिहार में ही रहेंगे। जब तक जनता ने उन्हें सीएम चुना है तब तक वह बिहार की ही सेवा करेंगे। अब एकदम साफ हो गया है कि नीतीश कुमार नहीं बनेंगे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार। क्योंकि यह बात किसी और ने नहीं बल्कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कही। श्री सिंह ने कह दी है बड़ी बात। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, अटकलें लगाई जा रही थीं कि एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकती है। इस बीच जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार की राष्ट्रपति बनने की कोई इच्छा नहीं है। वे बिहार में रहकर ही जनता की सेवा करेंगे।
इससे पहले, राष्ट्रपति चुनावों की घोषणा के बाद से ही बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर चर्चा जोरों पर है। इसे लेकर भाजपा, एनडीए और राजद के नेताओं ने नीतीश कुमार को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी की सहमति को भी जाहिर किया है लेकिन इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का शनिवार को बड़ा बयान आया है।
लखीसराय में जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आज मीडिया से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं है और वो राष्ट्रपति बनने भी नहीं जा रहे हैं। नीतीश कुमार की राष्ट्रपति बनने की कोई इच्छा नहीं है। नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने 2025 तक मुख्यमंत्री बनाया है। वे बिहार में रहकर ही जनता की सेवा करना चाहते हैं।
जानकारी के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने दो दिन पहले राष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। अगले राष्ट्रपति का के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को मतगणना की जाएगी।
बातचीत में उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार राष्ट्रपति के उम्मीदवार होंगे? इस पर ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने 2025 तक मुख्यमंत्री बनाया है। वे तब तक सूबे की जनता की सेवा करते रहेंगे। उनकी राष्ट्रपति बनने की कोई ख्वाहिश नहीं है।
दूसरी ओर जेडीयू के अन्य नेताओं और नीतीश कुमार कैबिनेट के मंत्रियों ने भी साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री की राष्ट्रपति बनने की कोई इच्छा नहीं है। मंत्री ब्रिजेंद्र प्रसाद यादव ने भी पूर्व में कहा कि सीएम खुद अपनी राष्ट्रपति की दावेदारी खारिज कर चुके हैं। मंत्री अशोक चौधरी और संजय कुमार झा ने भी ये ही बात कही। राष्ट्रपति चुनावों की घोषणा के बाद सीएम नीतीश ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले पटना में मीडिया से बात करते हुए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा था कि नीतीश में राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है। उनके पास देश के सर्वोच्च स्थान को प्राप्त करने वाली सोच है। बिहार सीएम बेहतर उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सर्वगुण संपन्न हैं। श्रवण ने कहा कि अगर वह प्रेसिडेंट बनते हैं तो पूरे बिहार को खुशी होगी। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश को मौका मिलता है तो वह क्यों पीछे हटेंगे।
वहीं, अचानक ऐसा क्या हुआ कि पहले तो उनकी ही पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए उन्हें दावेदार के तौर पर दिखाया जा रहा था, लेकिन अब उनका नाम वापस ले लिया है। इस मामले पर भाजपा के मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने व्यंग्य किया कि लाखों लोग इसके लिए योग्य हैं, लेकिन ये भाजपा का सामूहिक निर्णय होगा। कहीं यहां दबाव की राजनीति या यूं कहें कि जेडीयू और नीतीश कुमार को साफ साफ तो नहीं दिख गया कि राष्ट्रपति चुनाव में कूदकर कहीं उन्हें लाभ हो ना हो नुकसान ना उठाना पड़ जाए।