पटना। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोमवार को मुलाकात कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबधित उद्योग स्थापित करने के लिए पटना में अपने विभागीय कार्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करने का आग्रह।
इस संबंध में लोजपा के मुख्य प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री की यह पहली मुलाकात थी।
मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पारस जी ने कल नई दिल्ली से मुख्यमंत्री को फोन करके समय मांगा था । मुलाकात के दौरान उन्होंने 23 अगस्त को हाजीपुर में हुए हमले और फोन पर मिली धमकी की भी बातें मुख्यमंत्री के साथ साझा की।
मुख्यमंत्री ने शॉल पहनाकर पारस जी को सम्मानित किया। लोजपा प्रदेश अध्यक्ष व सासंद प्रिंस राज, सासंद चंदन सिंह एवं कृष्ण राज ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। एक घंटे चली इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लगाने संबंधी संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए अभी कोई वैकेंसी नहीं है।
सोमवार को शाम में लगभग साढ़े चार बजे केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस की गाड़ी सीएम आवास पर पहुंची।
उल्लेखनीय है कि पहले ही मीडिया में ये खबर आई थी कि पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शाम में मिलने का समय मांगा है। उनके साथ लोजपा पारस गुट के प्रदेश अध्यक्ष और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज भी मौजूद थे।
सीएम नीतीश से मुलाकात करने के बाद केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मीडियाकर्मियों से कहा कि पहले से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था सीएम नीतीश से मिलने का।
उन्होंने कहा कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। नीतीश को पीएम मटेरियल मानते हैं। इस पर उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी के कंधे पर बंदूक रख दी और अपने मन की बात कह दी।
पीएम मटेरियल के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि “राजग गठबंधन में सीएम नीतीश भी हैं और मैं भी हूं। केसी त्यागी ने खुद कहा है कि नीतीश कुमार में पीएम मटेरियल का सब गुण है लेकिन अभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए अभी कोई वैकेंसी नहीं है।” नीतीश के लिए कोई वैकेंसी नहीं होने के सवाल पर पारस ने ‘सेफ पॉलिटिक्स’ की और कहा कि ये लड़ाई वाली बात हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने राजग में कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर कहा कि यह बननी ही चाहिए। पहले भी यह कमेटी थी। इस पर राजग का जो भी फैसला होगा, उसे हमारी पार्टी भी मानेगी। जातीय जनगणना पर पारस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार का शिष्टमंडल मिला।
राजग की ओर से जो भी निर्णय होगा, उस पर हमारी लोजपा पार्टी भी तैयार है। जातीय जनगणना पर प्रधानमंत्री जो भी फैसला लेंगे, वह हम सबको मान्य होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस रविवार को ही शाम में पटना पहुंच गए थे। पटना पहुंचते ही पशुपति ने कहा था कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार अच्छा काम कर रहे हैं।
प्रदेश के विकास के लिए नीतीश निरंतर कार्य करते रहे हैं
प्रदेश के विकास के लिए नीतीश निरंतर कार्य करते रहे हैं। उम्मीद है कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लगाने की भी जगह मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श आवश्यक है।
सैकड़ों अधिवक्ताओं ने ली लोजपा पारस गुट की सदस्यता
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के समक्ष सोमवार को यहां पार्टी कार्यालय में पटना हाईकोर्ट और सिविल कोर्ट के अधिवक्ता डॉ श्रद्धानंद पासवान के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने लोजपा की सदस्यता ग्रहण की।
प्रदेश मीडिया प्रभारी ललन कुमार चन्द्रवंशी ने बताया कि मुख्य रूप से उदयशंकर सिंह, सतीश कुमार वर्मा, ओमप्रकाश पासवान, कंचन कुमारी, सत्य प्रकाश आर्या और राहुल कुमार मुख्य रूप से इन्हें पशुपति कुमार पारस के के समक्ष लोजपा के सदस्यता ग्रहण की।
डॉ श्रद्धानंद ने कहा कि लोजपा की विचारधारा और पशुपति कुमार पारस के प्रति आस्था जताते हुए लोजपा की सदस्यता ग्रहण की।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रधान महासचिव केशव सिंह, महताब आलम, ललन सिंह, अम्बिका प्रसाद बिनू, राजेन्द्र विश्वकर्मा, रंजीत कुमार, उपेन्द्र यादव, कामेश्वर यादव, ई. विजय सिंह, दिनेश पासवान, कुन्दन कुमार, सौलत राही, शक्ति पासवान, आनन्द कुमार चन्द्रवंशी उपस्थित थे।