मई,13,2024
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पटना हाई कोर्ट सख्त, अब बुरी तरह फंस गए सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय… गिरफ्तारी का वारंट रूका, मिली सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

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हारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है। शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में उनकी सशरीर पेशी होनी थी, लेकिन, वह कोर्ट में नहीं पहुंचे। इस बात से नाराज होकर पटना हाई कोर्ट ने बिहार, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को सुब्रत राय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। अब, जो जानकारी है उसके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को राहत दी है। कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।

एक निवेशक की याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। 12 मई को पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय को आदेश दिया था कि वे 13 मई को किसी भी सूरत में कोर्ट में पेश हों लेकिन 13 मई को सुब्रत राय पेश नहीं हुए। उसके बाद हाई कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया। गिरफ्तारी के आदेश के खिलाफ सुब्रत राय तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार और उत्तर प्रदेश के डीजीपी समेत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि हर हाल में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 16 मई सोमवार को साढ़े दस बजे हाईकोर्ट में प्रस्तुत करें।

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न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें 11 मई को शारीरिक रूप से हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा कैसे लौटा सकते हैं। चूंकि वह 11 मई को पटना नहीं आ सके, इसलिए मामले को 12 मई के लिए स्थगित कर दिया गया।

न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं की ओर से जमा किये गए पैसे का भुगतान को लेकर दायर की गई दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें 11 मई को शारीरिक रूप से हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा कैसे लौटा सकते हैं। चूंकि वह 11 मई को पटना नहीं आ सके, इसलिए मामले को 12 मई के लिए स्थगित कर दिया गया।

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इससे पहले कोर्ट ने 27 अप्रैल और 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय को 12 मई को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार के निवेशकों का सहारा के विभिन्न कंपनियों में जमा किये गए पैसों का भुगतान इन कंपनियों द्वारा कैसे और कबतक किया जाएगा।

सुब्रतो रॉय की ओर से अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा की समस्या को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई जिसे कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया।

बावजूद इसके सुब्रतो रॉय को हाईकोर्ट में पेश होने को लेकर हाईकोर्ट के इर्द-गिर्द भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बाद भी सुब्रतो रॉय कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने कहा कि रॉय ने अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा का हवाला देकर कोर्ट में उपस्थिति से छूट देने का जो आवेदन दिया है, वह स्वीकार करने योग्य नहीं है। लेकिन रॉय का कोर्ट में अदालती आदेश के बाद भी उपस्थित नहीं होना प्रमाणित करता है कि कोर्ट के आदेश का उनके मन में सम्मान नहीं है। एकलपीठ ने कहा कि कोई कानून से ऊपर नहीं है। अदालती आदेश का पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।

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सहारा की ओर से लगातार वकील बदले जा रहे हैं ताकि सुब्रतो रॉय को कुछ राहत मिल सके लेकिन उन्हें अभी तक राहत नहीं मिली है। इसके पहले पटना हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए सूचित किया जा चुका है।

गुरुवार और सोमवार को हाईकोर्ट में उनके उपस्थित होने को लेकर हाईकोर्ट की इमारत के अगल-बगल की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। बावजूद इसके रॉय कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए।

इसके पहले की सुनवाई में कोर्ट ने सहारा के वकील से यह जानकारी मांगी थी कि वह कोर्ट को यह बताएं कि बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा उन्हें कब तक और किस तरह मिलेगा। कोर्ट के निर्देश के बाद भी सहारा की ओर से कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप में नहीं दी गई, तब नाराज होकर कोर्ट ने यह निर्देश दिया।

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