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दिसम्बर, 12, 2025

Bihar News: सासाराम में 106 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगदीश तिवारी का निधन, एक महत्वपूर्ण Bihar News

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Bihar News: इतिहास के पन्नों से एक और सितारा अनंत यात्रा पर निकल गया, जिसने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया था। गुरुवार को देश ने स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे अनमोल रत्न को खो दिया, जिनकी वीरता और बलिदान की गाथाएं हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।

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Bihar News: सासाराम ने खोया अपना गौरव

देश की आज़ादी के लिए स्वयं की जान की बाजी लगाने वाले एक और लाल ने गुरुवार को अपनी आँखें मूँद लीं। सासाराम के निवासी जगदीश तिवारी ने 106 वर्ष की आयु में इस संसार को अलविदा कहा। उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। जगदीश तिवारी उन वीर सपूतों में से थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ़ खुलेआम बगावत का बिगुल फूंका था और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। उनकी निडरता और मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम ने लाखों युवाओं को प्रेरणा दी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने अपनी युवावस्था देश की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में लगा दी।

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गुरुवार की शाम सासाराम में अपने पैतृक निवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जगदीश तिवारी का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पाठशाला है, जो सिखाता है कि किस प्रकार देशभक्ति सर्वोपरि होती है। उनका दृढ़ संकल्प और देश के लिए मर मिटने का जज्बा आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है।

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आज़ादी के भूले-बिसरे नायक

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐसे अनगिनत नायक हुए हैं, जिनके बलिदान को अक्सर भुला दिया जाता है। जगदीश तिवारी भी उन्हीं में से एक थे, जिन्होंने बिना किसी लोभ या स्वार्थ के देश सेवा को अपना धर्म बनाया। उनके संघर्षों और कुर्बानियों का स्मरण करना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है। उनका देहांत एक युग की समाप्ति का प्रतीक है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। लेकिन उनकी स्मृतियां हमें सदैव एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेंगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। उनकी कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि हम जिस आज़ाद हवा में सांस ले रहे हैं, वह ऐसे ही वीरों के त्याग का फल है।

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