बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर होनेवाले चुनाव को लेकर राजद के बाद अब जदयू के अपने दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा आज की। हालांकि, विधान परिषद के खाली हो रहे सात सीटों में जदयू के पांच सीटें हैं। वहीं, विधान परिषद चुनाव में केवल दो ही सीट अब जदयू को मिलेगा।
ऐसे में तीन सीट का नुकसान जदयू को होगा। दो सीट पर जदयू के अंदर काफी मारामारी है। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित कई दावेदार थे लेकिन, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार कुशवाहा ने मंगलवार को रविंद्र प्रसाद सिंह और अफाक आलम को उम्मीदवार के रूप में घोषित करके सारे कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
रविन्द्र सिंह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। शुरुआती दौर से ही वह दल से पूरी निष्ठा से जुड़े रहे हैं।पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाना आम कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी उपलब्थि है। इससे पहले भी जदयू ने राज्यसभा उपचुनाव में जदयू ने कार्यकर्ताओं को तरजीह दी थी और कर्नाटक से आनेवाले अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाकर राज्यसभा भेजा। आफाक अहमद वर्तमान में राष्ट्रीय महासचिव हैं और जेडीयू राष्ट्रीय मुख्यालय प्रभारी हैं।
जानकारी के अनुसार, इससे पहले राजद ने बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर होनेवाले चुनाव में अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि भाजपा की ओर से इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होनी अभी बाकी है।
जदयू के जिन विधान पार्षदों का सीट खाली हो रहा है, उसमें सीपी सिन्हा, रणविजय सिंह, गुलाम रसूल बलियावी, कमर आलम और रोजीना का सीट शामिल है। पांच विधान पार्षदों में तीन मुस्लिम हैं।
पार्टी कार्यालय में लंबे समय से कार्य कर रहे राष्ट्रीय सचिव रविंद्र सिंह का नाम पहले से ही चर्चा में था। पिछली बार एमएलसी के लिए चयन नहीं होने पर रविंद्र सिंह नाराज हो गए थे। बाद में मुख्यमंत्री ने उन्हें मनाया था। इसके साथ पार्टी के कुछ प्रवक्ता भी दावेदारों में थे। ऐसे में, जदयू के लिए उम्मीदवारों का चयन आसान नहीं था।