बिहार की जीवनरेखा गंगा नदी पर बन रहे हैं 9 मेगा पुल। 2025 तक गंगा पर कुल 16 बड़े पुल होंगे – अभी सिर्फ 7 ही चालू हैं।ये पुल सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं, बिहार की नई पहचान होंगे।गंगा पार सफर आसान होगा। 2025 तक बिहार में ट्रैफिक जाम बीते जमाने की बात होगी – जानें कैसे जल्द गंगा नदी पर फर्राटा भरेंगी गाड़ियां। पुलों का नेटवर्क, यातायात, व्यापार और आपदा प्रबंधन को मिलेंगी नई रफ्तार। पूरी खबर
बिहार की जीवनरेखा मानी जाने वाली गंगा नदी पर अब जल्द ही गाड़ियों की रफ्तार और कनेक्टिविटी का नया युग शुरू होने वाला है। अगले कुछ वर्षों में राज्य में 9 नए मेगा पुल अस्तित्व में आ जाएंगे, जिससे गंगा नदी पर कुल 16 पुलों का नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
पटना में 6 नए मेगा पुल: राजधानी की कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार
पटना जिले में ही 6 नए पुल या तो निर्माणाधीन हैं या स्वीकृत हो चुके हैं, जो राज्य की राजधानी को अन्य क्षेत्रों से तेज और सुगम संपर्क प्रदान करेंगे:औंटा-सिमरिया पुल (राजेंद्र सेतु के समानांतर) – यह छह लेन पुल मोकामा में स्थित है और लगभग तैयार है।दिघवारा-शेरपुर छह लेन पुल – सारण और पटना को जोड़ने वाला यह पुल पटना रिंग रोड प्रोजेक्ट से जुड़ रहा है। जेपी सेतु के समानांतर छह लेन पुल – दीघा-सोनपुर के बीच प्रस्तावित है, मंजूरी मिल चुकी है।
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल – मौजूदा गांधी सेतु के ट्रैफिक को कम करेगा, कार्य प्रगति पर है। कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन पुल – राज्य सरकार की निधि से बन रहा है, 2025 के अंत तक पूर्ण होने की उम्मीद।बख्तियारपुर-ताजपुर फोर लेन पुल – निर्माण कार्य फिर से शुरू हो चुका है।
अन्य जिलों में भी बन रहे हैं गंगा पर नए पुल
पटना के अलावा अन्य जिलों में भी कई रणनीतिक पुलों का निर्माण हो रहा है, जो उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच तेज आवागमन और औद्योगिक विकास का रास्ता खोलेंगे: विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोर लेन पुल – भागलपुर को उत्तरी बिहार से बेहतर जोड़ेगा।
बिहार और झारखंड के बीच महत्वपूर्ण संपर्क
अगुवानी घाट-सुल्तानगंज फोर लेन पुल – खगड़िया और सुल्तानगंज को जोड़ेगा, सीमांचल और कोसी के लिए अहम। साहेबगंज-मनिहारी फोर लेन पुल – बिहार और झारखंड के बीच महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित करेगा।
भविष्य में प्रस्तावित पुलों से और मजबूत होगी कनेक्टिविटी
गंगा नदी पर कुछ प्रस्तावित पुल भी हैं, जिन पर सरकार जल्द काम शुरू कर सकती है:कहलगांव फोर लेन पुल (भागलपुर) – औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा। मटिहानी-साम्हो छह लेन पुल (बेगूसराय) – रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा, माल ढुलाई में अहम। एक अन्य रणनीतिक पुल भी प्रस्तावित है, जिसकी जानकारी जल्द सामने आ सकती है।
वर्तमान में संचालित 7 पुलों की सूची
फिलहाल गंगा नदी पर बिहार में कुल 7 प्रमुख पुल परिचालित हैं: राजेंद्र सेतु (मोकामा) – दो लेन, महात्मा गांधी सेतु (पटना) – चार लेन, जेपी सेतु (दीघा-सोनपुर) – दो लेन, आरा-छपरा पुल – चार लेन, बक्सर पुल – दो लेन, मुंगेर रेल सह सड़क पुल, विक्रमशिला सेतु (भागलपुर) – दो लेन
पुल नेटवर्क से होगी बिहार की व्यापक प्रगति
गंगा नदी पर यह नया पुल नेटवर्क न केवल परिवहन को सुगम बनाएगा, बल्कि इससे व्यापारिक आवाजाही में तेजी आएगी, आपदा प्रबंधन में सुधार होगा, और सामाजिक व आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। इन पुलों के पूरा होने के बाद बिहार के सभी हिस्से एक-दूसरे से तेज, सुरक्षित और सुलभ ढंग से जुड़ सकेंगे।