बिहार में बिछेगा 3000 करोड़ का जाल, बनेंगे 700 पुल, हजारों गांवों सीधे जुड़ेंगे शहर से। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना’ (Mukhyamantri Gramin Setu Yojana) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 700 नए पुल बनाए जाएंगे। इस परियोजना पर लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
गांवों को मिलेगा स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सड़क संपर्क (Uninterrupted Road Connectivity) सुनिश्चित करना है। आज भी बिहार के कई गांवों में बरसात, बाढ़ या जर्जर पुलों के कारण आवाजाही में भारी बाधा आती है। नए पुलों के निर्माण से इन समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाएगा।
पुराने पुलों की मरम्मत और मिसिंग ब्रिज का भी होगा निर्माण
इस योजना के तहत:
पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए मजबूत पुल बनाए जाएंगे।
जहां पुल नहीं हैं (Missing Bridges) वहां नए पुलों का निर्माण किया जाएगा।
प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों को फिर से बनाया जाएगा।
जिन पुलों के पास एप्रोच रोड (Approach Road) नहीं हैं, वहां सड़क निर्माण भी किया जाएगा।
जनभागीदारी से तैयार हुई योजना
यह योजना विशेष है क्योंकि इसमें जनता की आवाज को प्राथमिकता दी गई है।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मिले सुझावों और प्रस्तावों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं भी सीधे योजना का हिस्सा बनी हैं।
इस पहल से यह स्पष्ट है कि यह सिर्फ एक सरकारी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जनभागीदारी (Public Participation) से बना विकास मॉडल है।
अब तक 14 पुलों को मिल चुकी है प्रशासनिक स्वीकृति
फिलहाल:
14 पुलों को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
इन परियोजनाओं पर लगभग 117.64 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सभी जिलों से आए प्रस्तावों की समीक्षा तेजी से जारी है, जल्द ही बाकी पुलों को भी स्वीकृति मिलेगी।
गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की मजबूत आधारशिला
बिहार सरकार का मानना है कि इस योजना से:
किसानों को अपने उत्पादों को मंडी तक ले जाने में सुविधा होगी।
बच्चों को स्कूल और कॉलेज जाना आसान और सुरक्षित होगा।
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं (Emergency Health Services) तक तुरंत पहुँच संभव होगी।
यह योजना बिहार के ग्रामीण विकास (Rural Development in Bihar) की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।