मधुबनी के युवा विवेक मंडल ने नीट परीक्षा के तनाव में खुदकुशी कर ली है। वारदात, पटना के गांधी मैदान क्षेत्र की है। नीट 2025 परीक्षा से पहले दिल दहला देने वाली यह खबर सुनकर हर कोई सकते में है। NEET की परीक्षा का तनाव नहीं झेल सका विवेक पटना में अपनी बहन के साथ रहता था लेकिन पंखे से लटकी उसकी लाश देखकर हर कोई सदमे में है।
जय बाबा केदार..!
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मधुबनी के भोलापुर गांव में छाया है मातम
मधुबनी में जैसे ही यह खबर पहुंची कि उनका होनहार विवेक मंडल अब इस दुनिया में नहीं है, माहौल गमगीन हो उठा है। NEET परीक्षा 2025 से पहले मानसिक तनाव का एक और दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। मधुबनी जिले के भोलापुर गांव के 20 वर्षीय विवेक मंडल ने पटना में परीक्षा की तैयारी के दौरान आत्महत्या कर ली।
बहन के साथ पटना में रहकर कर रहा था NEET की तैयारी
विवेक मंडल, पिता राजकुमार मंडल का इकलौता बेटा था और तीन बहनों में सबसे छोटा था। वह पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के सविता कुंज लॉज में अपनी बहन के साथ रहकर NEET 2025 की तैयारी कर रहा था। दोनों भाई-बहन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे, लेकिन विवेक परीक्षा के दबाव को झेल नहीं पाया।
लाइब्रेरी से लौटते ही बहन ने देखी दर्दनाक तस्वीर
शुक्रवार देर रात, जब विवेक की बहन लाइब्रेरी से लौटी, तो उसने भाई को पंखे से लटका पाया। आनन-फानन में मकान मालिक और स्थानीय लोगों को सूचना दी गई।पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए PMCH भेजा गया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में मानसिक तनाव की पुष्टि
गांधी मैदान थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि घटना के समय विवेक की बहन कमरे में नहीं थी। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आत्महत्या का कारण परीक्षा को लेकर अत्यधिक मानसिक दबाव था।
परिजनों ने भी बताया तनाव को कारण
विवेक के चाचा अरुण कुमार ने कहा कि विवेक पढ़ाई को लेकर अत्यंत गंभीर था।NEET परीक्षा का तनाव उस पर हावी था और उन्होंने किसी साजिश की आशंका से इनकार किया। यह भी बताया गया कि विवेक काफी मेहनती छात्र था और लगातार भविष्य को लेकर चिंतित रहता था।
NEET परीक्षा से पहले की गई थीं गहन तैयारियां
4 मई को होने वाली NEET UG 2025 परीक्षा में इस बार करीब 23 लाख छात्र हिस्सा ले रहे हैं। 30 अप्रैल को एडमिट कार्ड जारी किए गए थे और परीक्षा से जुड़े कई दिशानिर्देश भी NTA द्वारा जारी किए गए।यह परीक्षा छात्रों के लिए करियर का टर्निंग पॉइंट मानी जाती है, लेकिन तनाव की वजह से कई छात्र मानसिक रूप से टूट जाते हैं।