पटना। राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके बेटे ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की।
दिल का दौरा पड़ा, अस्पताल में निधन
आचार्य किशोर कुणाल को सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ, जिसके बाद उन्हें महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
धार्मिक और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान
आचार्य किशोर कुणाल अयोध्या राममंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य थे। पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में काम किया।
- महावीर मंदिर न्यास बोर्ड ने पटना में कई स्कूल और कैंसर अस्पताल की स्थापना की।
- वे ज्ञान निकेतन स्कूल के संस्थापक थे।
सरकार और धार्मिक संगठनों के बीच मध्यस्थ
आचार्य किशोर कुणाल का कार्यकाल तब और खास हो गया जब वीपी सिंह सरकार के समय उन्हें केंद्र सरकार, विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया गया।
शिक्षा और करियर
- जन्म: 10 अगस्त 1950, मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव।
- शिक्षा: पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में स्नातक।
- आईपीएस सेवा:
- 1972 में गुजरात कैडर से आईपीएस अधिकारी बने।
- अहमदाबाद में पुलिस उपायुक्त और 1983 में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (पटना)।
- 1990-94 तक गृह मंत्रालय में विशेष अधिकारी (OSD)।
संस्कृत के विद्वान और कुलपति
आचार्य किशोर कुणाल संस्कृत के विद्वान थे। उन्होंने 2000 में सेवानिवृत्ति के बाद केएसडी संस्कृत यूनिवर्सिटी, दरभंगा के कुलपति के रूप में कार्य किया।
- 2004 तक इस पद पर रहते हुए उन्होंने जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की शुरुआत की।
विरासत और योगदान
आचार्य किशोर कुणाल का जीवन शिक्षा, धर्म और सामाजिक सुधारों के लिए समर्पित था। उनकी कार्यशैली और दृष्टिकोण ने समाज पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
उनकी स्मृति में महावीर मंदिर न्यास उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।