
पटना में नियमतिकरण की मांग को लेकर शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाओं का हुजूम सड़कों पर उतर आया।
इस दौरान पटना के हृदयस्थल डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया और अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया। वहीं, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के धरना-प्रदर्शन के कारण पटना का हार्ट कहे जाने वाला डाकबंगला चौराहा पूरी तरह जाम हो गया। चौराहे पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई।
चरमराई पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, स्कूली बच्चे भी परेशान
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के प्रदर्शन के कारण पटना में चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था से सबसे ज्यादा दिक्कत निजी स्कूलों के बच्चों को हुई। शहर में एक से तीन बजे तक शहर के सभी निजी स्कूलों में छुट्टी हो जाती है। प्रदर्शन के कारण स्कूल की सभी बसें जाम में फंसी रहीं। प्रशासन की लापरवाही और ट्रैफिक डायवर्ट होने के चलते जाम लगा रहा। शहर में ट्रैफिक जाम से बिगड़े हालात से अभिभावक खासे चिंतित हुए। कई अभिभावक पैदल ही स्कूल पहुंच गए, लेकिन इसमें भी उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा।
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की। साथ ही मानदेय के स्थान पर वेतन देने, स्थाई करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग का समर्थन बिहार के वामदलों ने भी किया है। आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा परिसर में माले विधायकों ने सदन में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि सरकार को उनकी मांग को पूरा करने पर विचार करना चाहिए।
अभिभावक बच्चों को स्कूल से लेकर वाया विधानसभा चौक होकर पैदल निकले, लेकिन यहां पर भी सड़कें पूरी तरह जाम थीं। ऐसे में वे वापस लौटे तो कर्मचारियों की भीड़ रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई थी।जाम में फंसे राहगीरों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि प्रदर्शन से सभी लोगों को परेशानी हो रही है। इस विरोध प्रदर्शन से लोग समय से रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच पा रहे है, जिसके कारण लोगों की ट्रेन छूट गई। वहीं, कई लोग अपने कार्यालय समय से नहीं पहुंच पाए। इस विरोध प्रदर्शन से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों को उठानी पड़ी।
शनिवार को प्रदर्शन करेंगे टीईटी शिक्षक
बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की बहाली के लिए जारी विज्ञापन और उसमें अनुभव की बाध्यता को जोड़ देने से टीईटी शिक्षकों का आक्रोश भड़क गया है। शिक्षक टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के आह्वान पर 26 मार्च को सभी जिले में जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन करके आक्रोश व्यक्त किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि बिहार में शिक्षा का अधिकार अधिनियम व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के तमाम प्रावधानों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन प्रावधानों के तहत बहाल शिक्षकों को जहां एक ओर सहायक शिक्षक और राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए वहीं सरकार शिक्षकों को जो भी सुविधाएं दे रही हैं उसमें भी कटौती कर रही है।