

मां ने लगाई गुहार – केस से बेटे का नाम हटाने के लिए मांगे गए ₹50,000, फिर बिछा जाल, फंसा रिश्वतखोर ASI अजीत कुमार। पटना के शास्त्रीनगर से भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा। 2025 में अब तक का 30वां ट्रैप केस – निगरानी की सटीक कार्रवाई से हड़कंप।
पटना में एएसआई अजीत कुमार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, निगरानी विभाग का तगड़ा एक्शन
पटना, देशज टाइम्स — राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एएसआई अजीत कुमार को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए निगरानी विभाग ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई निगरानी विभाग द्वारा पहले से रची गई सटीक योजना के तहत की गई।
पीड़िता की शिकायत से खुला भ्रष्टाचार का मामला
नूरजहां नाम की महिला ने निगरानी विभाग में शिकायत दी थी कि उसके बेटे का नाम एक केस में शामिल है, जिसे हटाने के लिए जांच पदाधिकारी अजीत कुमार ने रिश्वत की मांग की। महिला का आरोप था कि बिना पैसे दिए पुलिस बेटे का नाम हटाने को तैयार नहीं थी। इस शिकायत को गंभीर मानते हुए निगरानी विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
निगरानी विभाग ने सटीक रणनीति से किया ट्रैप
निगरानी टीम ने योजना के तहत महुआबाग इलाके में अजीत कुमार को बुलवाया, जहां पीड़िता को उन्हें रिश्वत देनी थी। जैसे ही अजीत कुमार ने रकम स्वीकार की, पहले से तैनात निगरानी विभाग की टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया। कार्रवाई इतनी तेज थी कि आरोपी को संभलने का भी मौका नहीं मिला।
कार्रवाई में शामिल रहे ये अधिकारी
इस ऑपरेशन को सफल बनाने में निगरानी विभाग के कई अधिकारी शामिल थे। इसमें, पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार, पुलिस निरीक्षक मो. नजीमुद्दीन, मणिकांत सिंह, रविशंकर, आशीष कुमार, रणधीर सिंह। इन सभी अधिकारियों ने मौके पर रहकर पूरी योजना को अंजाम दिया।
2025 का 30वां ट्रैप केस, अब तक 8 लाख की रिश्वत राशि बरामद
निगरानी विभाग के डीआईजी मृत्युंजय कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि यह 2025 का 30वां केस है जिसे विभाग ने दर्ज किया है।
इनमें से 23 मामलों में ट्रैप लगाकर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अब तक लगभग ₹8 लाख की रिश्वत राशि जब्त की जा चुकी है।








