अटल बिहारी वाजपेयी: भारतीय राजनीति के आकाश में ध्रुव तारे की तरह चमकने वाले, जिनके व्यक्तित्व की आभा ने हर दल को मोहित किया, ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को हर साल सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी: भारतीय राजनीति के अजातशत्रु और सुशासन के प्रणेता का जीवन दर्शन
अटल बिहारी वाजपेयी: एक ऐसा नाम, जो राजनीति में अजातशत्रु के रूप में अमर है
अटल बिहारी वाजपेयी: भारतीय राजनीति के आकाश में ध्रुव तारे की तरह चमकने वाले, जिनके व्यक्तित्व की आभा ने हर दल को मोहित किया, ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को हर साल सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी वाक्पटुता, दूरदर्शिता और समावेशी राजनीति ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय स्थान दिलाया। वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक कवि, पत्रकार और सच्चे राष्ट्रभक्त थे, जिनकी नीतियों और विचारों का प्रभाव आज भी भारतीय लोकतंत्र पर स्पष्ट दिखाई देता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का नंबर 1। उनका जीवन त्याग, समर्पण और राष्ट्र सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
अपने पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी किसी को अपना शत्रु नहीं माना। चाहे पक्ष हो या विपक्ष, हर कोई उनके व्यक्तित्व और विचारों का कायल था। उनकी अजातशत्रु छवि का सबसे बड़ा प्रमाण यह था कि वे कठोरतम विरोधियों के बीच भी सम्मान अर्जित कर लेते थे। उनकी भाषण शैली, जिसमें विनोद, गंभीरता और तर्क का अद्भुत समन्वय होता था, लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती थी। देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में भारत ने परमाणु परीक्षण जैसे साहसिक कदम उठाए और आर्थिक सुधारों की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति की।
प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को उनकी जयंती को भारत में ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य देश में सुशासन के महत्व को रेखांकित करना और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनोन्मुखी नीतियों को बढ़ावा देना है। यह दिन हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों को याद दिलाता है, जिन्होंने हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’ के मंत्र को आत्मसात किया। अटल जी का मानना था कि किसी भी देश की प्रगति के लिए एक मजबूत और निष्पक्ष शासन प्रणाली का होना अनिवार्य है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने सत्ता में रहते हुए ऐसे कई फैसले लिए, जो आज भी मील का पत्थर माने जाते हैं। पोखरण-II परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध में विजय और स्वर्णिम चतुर्भुज जैसी महात्वाकांक्षी सड़क परियोजनाएं उनके शासनकाल की प्रमुख उपलब्धियां थीं। उनका विजन सिर्फ भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने वैश्विक मंच पर भी भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया।
एक विरासत, एक संकल्प: सुशासन के पथ पर
यह दिन अटल जी के लोकतांत्रिक मूल्यों और उनकी प्रशासनिक क्षमता को समर्पित है। यह देश के प्रत्येक नागरिक को यह याद दिलाता है कि सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। उनका जीवन हमें सिखाता है कि ईमानदारी, निष्ठा और जनसेवा ही राजनीति का मूल उद्देश्य होना चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का नंबर 1। उनका मानना था कि राष्ट्र के निर्माण में हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है और सुशासन के माध्यम से ही यह संभव हो सकता है। आज भी उनकी नीतियां और दूरदर्शिता भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही हम एक समृद्ध और सुशासित भारत का निर्माण कर सकते हैं।



