back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 25, 2025

अटल बिहारी वाजपेयी: सच्चे ‘अजातशत्रु’ की जयंती, देश मना रहा सुशासन का पर्व

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Atal Bihari Vajpayee: भारतीय राजनीति के आकाश में ध्रुव तारे की तरह चमकने वाले, अपनी वाणी से जनमानस को मंत्रमुग्ध करने वाले और विपरीत परिस्थितियों में भी नैतिक मूल्यों को थामे रखने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पूरे देश में श्रद्धापूर्वक मनाई गई।

- Advertisement -

अटल बिहारी वाजपेयी: सच्चे ‘अजातशत्रु’ की जयंती, देश मना रहा सुशासन का पर्व

अटल बिहारी वाजपेयी: एक युग पुरुष का स्मरण

Atal Bihari Vajpayee: देश के कोने-कोने में, छोटे से लेकर बड़े आयोजनों तक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती को रविवार को सुशासन दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने उनके आदर्शों और सिद्धांतों को याद किया।

- Advertisement -

भारतीय राजनीति के एक चमकते सितारे और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक, अटल बिहारी वाजपेयी को वास्तव में भारतीय राजनीति का ‘अजातशत्रु’ कहा जाता था। उन्होंने अपने जीवनकाल में राजनीति में शुचिता और सिद्धांतों को सर्वोपरि रखा। उनके अद्भुत व्यक्तित्व, ओजस्वी भाषण शैली और सर्वसमावेशी सोच ने उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठा दिया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विपक्ष में रहते हुए भी उनकी बात को गंभीरता से सुना जाता था और सत्ता में रहते हुए उन्होंने गठबंधन धर्म का बखूबी निर्वहन किया।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  Samastipur Murder: समस्तीपुर में बीजेपी बूथ अध्यक्ष की हत्या से हिला पुलिस महकमा, बड़े अधिकारियों पर गिरी गाज

उन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दिलाईं, जिनमें परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और सर्व शिक्षा अभियान प्रमुख हैं। उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्र के प्रति अटूट निष्ठा ने उन्हें जन-जन का प्रिय नेता बना दिया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

नैतिकता और सिद्धांतों की राजनीति

वाजपेयी जी ने हमेशा राजनीति को जनसेवा का माध्यम माना। उन्होंने कभी भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और हमेशा देश हित को सर्वोपरि रखा। उनका मानना था कि आलोचना स्वस्थ लोकतंत्र का आधार है, लेकिन विरोध व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए। उनकी यह सोच आज भी भारतीय राजनीति में प्रासंगिक है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। उनकी जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाना एक उचित श्रद्धांजलि है, जो हमें उनके आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित सुशासन के मानकों की याद दिलाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

निसान मैग्नाइट: अब बढ़ जाएगी आपकी पसंदीदा SUV की लागत!

भारतीय बाजार में कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ बनाने वाली निसान मैग्नाइट...

Nissan Magnite: अब महंगा होगा आपका पसंदीदा SUV मॉडल!

भारतीय बाजार में, Nissan Magnite ने अपनी लॉन्चिंग के बाद से ही भारतीय उपभोक्ताओं...

इरफान खान: ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग में इरफान खान को क्या झेलना पड़ा, कॉस्ट्यूम डिजाइनर ने खोले राज!

Irrfan Khan News: बॉलीवुड के उस चमकते सितारे की कहानी, जिसकी आखिरी फिल्म के...

NIRF Medical College Ranking 2025: जानिए देश के टॉप 5 मेडिकल कॉलेज

साल 2025 की समाप्ति की ओर हैं, और हर साल की तरह इस बार...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें