Bhagalpur Cyber Crime: अदृश्य जालसाजों ने डिजिटल दुनिया में बिछाया अपना मायाजाल, जहां डर और लालच की डोर से फंसाए गए मासूम शिकार। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि बिहार के भागलपुर से सामने आई एक कड़वी हकीकत है, जिसने करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है।
Bhagalpur Cyber Crime: भागलपुर में करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा, CBI बनकर डराया, निवेश का लालच देकर लूटा
Bhagalpur Cyber Crime: कैसे बिछाया गया ठगी का डिजिटल जाल?
Bhagalpur Cyber Crime: बिहार के भागलपुर में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपने मंसूबों को अंजाम देते हुए दो बड़े मामलों में 2 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। इन शातिरों ने डिजिटल गिरफ्तारी (digital arrest) और भारी मुनाफे के निवेश के नाम पर एक बुजुर्ग और एक बैंक मैनेजर को अपना शिकार बनाया। यह घटनाएं राज्य में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के खतरे को रेखांकित करती हैं।
ठगी का पहला मामला डिजिटल गिरफ्तारी से जुड़ा है, जहां अपराधियों ने सीबीआई अधिकारी बनकर एक बुजुर्ग व्यक्ति को धमकाया। उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उन्हें तुरंत ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के तहत लाया जाएगा। इस डर का फायदा उठाते हुए, ठगों ने उनसे मोटी रकम ऐंठ ली। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
वहीं, दूसरे मामले में, एक बैंक मैनेजर को आकर्षक निवेश योजनाओं का लालच दिया गया। उन्हें बताया गया कि एक विशेष योजना में निवेश करने पर उन्हें कम समय में असाधारण रिटर्न मिलेगा। मुनाफा कमाने की उम्मीद में, मैनेजर ने अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा इन जालसाजों के हवाले कर दिया। लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।
साइबर अपराधों से बचाव के उपाय
इन वारदातों ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा के महत्व को सामने ला दिया है। पुलिस लगातार लोगों को ऐसे ठगों से सावधान रहने की अपील कर रही है। किसी भी अज्ञात कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें, खासकर यदि वे आपकी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी मांगते हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या बिना पुष्टि के किसी को पैसे भेजने से बचें। बैंकों और सरकारी एजेंसियों का कहना है कि वे कभी भी फोन या ईमेल पर ऐसी जानकारी नहीं मांगते हैं। इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अपनी बैंकिंग जानकारी या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें, भले ही वे खुद को बैंक कर्मचारी या सरकारी अधिकारी बताएं। पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




