भागलपुर न्यूज़:
गंगा हर साल अपने विकराल रूप से डराती है, लेकिन इस बार प्रशासन का दावा है कि तैयारी मज़बूत है। भागलपुर के मानिक सरकार इलाके में जो काम हुआ है, क्या वो गंगा के गुस्से को रोक पाएगा? या फिर इस बार भी हज़ारों की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराएगा?
भागलपुर जिले के गंगा प्रभावित मानिक सरकार क्षेत्र में कटाव की समस्या से निपटने के लिए चल रहा काम अब अपने अंतिम चरण में है। सोमवार देर शाम तक मिली जानकारी के अनुसार, कटाव निरोधक कार्य का 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्य के तहत अब तक 5000 बालू से भरी बोरियां कटाव वाली जगह पर डाली जा चुकी हैं ताकि नदी के वेग को कम किया जा सके और किनारों को सुरक्षित रखा जा सके।
देर शाम तक चला काम, 90% लक्ष्य पूरा
प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में यह काम तेज़ी से किया जा रहा है। सोमवार को भी दिनभर मज़दूर और मशीनें लगी रहीं, ताकि जल्द से जल्द इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके। देर शाम तक काम पूरा होने के बाद अधिकारियों ने बताया कि परियोजना का एक बड़ा हिस्सा अब पूरा हो चुका है और केवल 10 प्रतिशत काम ही शेष है, जिसे अगले कुछ दिनों में पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।
इस कार्य का मुख्य उद्देश्य मानसून की शुरुआत से पहले नदी के किनारों को मज़बूत करना है, ताकि बाढ़ के दौरान गंगा के बढ़ते जलस्तर से होने वाले भूमि कटाव को रोका जा सके। हर साल इस इलाके में गंगा नदी बड़े पैमाने पर कटाव करती है, जिससे खेती की ज़मीन और कई घर नदी में समा जाते हैं।
मानसून से पहले बचाव की बड़ी तैयारी
यह कटाव निरोधक कार्य मानसून पूर्व तैयारी का एक अहम हिस्सा है। हर साल बाढ़ के समय गंगा का जलस्तर बढ़ने से मानिक सरकार और आसपास के क्षेत्रों में कटाव का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए समय रहते यह कदम उठाया गया है। इस परियोजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- स्थान: गंगा कटाव से प्रभावित मानिक सरकार क्षेत्र, भागलपुर।
- उद्देश्य: नदी के किनारों को मज़बूत कर भूमि कटाव को रोकना।
- प्रयुक्त सामग्री: 5000 बालू से भरी बोरियों का उपयोग।
- वर्तमान स्थिति: सोमवार शाम तक 90 प्रतिशत कार्य संपन्न।
स्थानीय निवासियों ने ली राहत की सांस
काम के लगभग पूरा होने की खबर से स्थानीय निवासियों में थोड़ी राहत है। वे हर साल मानसून के दौरान कटाव के डर में जीते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार प्रशासन की यह तैयारी उन्हें गंगा के प्रकोप से बचाने में कारगर साबित होगी। हालांकि, काम पूरा होने और मानसून के दौरान नदी के रुख पर ही इस प्रयास की असली परीक्षा होगी। फिलहाल, प्रशासन शेष बचे काम को भी जल्द से जल्द पूरा करने में जुटा है।








