Bihar Corruption: भ्रष्टाचार का दीमक विकास की जड़ों को खोखला कर रहा है, और जब सरकारी बाबू ही इस खेल में शामिल हो जाएं, तो आम जनता का भरोसा टूटता है। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच भोजपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पंचायत सचिव को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है।
Bihar Corruption: भोजपुर में 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ धरा गया पंचायत सचिव, मचा हड़कंप
Bihar Corruption: बिहार सरकार भले ही भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का दावा करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत अक्सर कुछ और ही बयां करती है। ताजा घटना भोजपुर जिले के आरा सदर प्रखंड कार्यालय के अंतर्गत दौलतपुर पंचायत से जुड़ी है, जहां तैनात पंचायत सचिव को विशेष निगरानी विभाग की टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब एक ग्रामीण की शिकायत पर निगरानी विभाग ने अपना जाल बिछाया।
Bihar Corruption पर शिकंजा: कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल, पीड़ित ग्रामीण ने विशेष निगरानी विभाग से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई थी कि दौलतपुर पंचायत के सचिव सरकारी काम के बदले उनसे 10 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। शिकायत की सत्यता जांचने के बाद, निगरानी विभाग की टीम ने बुधवार को आरा में छापेमारी की योजना बनाई। पूरी तैयारी के साथ टीम आरा पहुंची और जैसे ही पंचायत सचिव ने शिकायतकर्ता से रिश्वत के रूप में 10 हजार रुपये लिए, उसे तुरंत मौके पर ही दबोच लिया गया। इस गिरफ्तारी से प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
निगरानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पंचायत सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद, उसे विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा। यह घटना सरकारी महकमों में फैली रिश्वतखोरी पर एक बार फिर सवाल खड़ा करती है।
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निगरानी विभाग की कार्रवाई और संदेश
इस गिरफ्तारी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। विशेष निगरानी विभाग लगातार ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई कर रहा है, जिससे सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। बिहार सरकार का यह कदम आम जनता में विश्वास जगाने और सरकारी कामकाज को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हालांकि, अभी भी कई स्तरों पर रिश्वतखोरी की शिकायतें आती रहती हैं, जिन पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस तरह की घटनाओं से यह भी पता चलता है कि अधिकारियों में कानून का भय कितना कम है।
इस पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है और निगरानी विभाग यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या इस पंचायत सचिव के साथ कोई और अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





