पटना, देशज टाइम्स: Bihar Congress में बड़ा फेरबदल: 58 नए जिलाध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति, जानिए Darbhanga, Samastipur में किन्हें मिली जिम्मेदारी।
पार्टी ने इसे “सामाजिक न्याय” का नारा दिया है, लेकिन
कांग्रेस पार्टी ने बिहार में संगठनात्मक बदलाव करते हुए 58 जिलाध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की है। एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी अधिसूचना जारी की। पार्टी ने इसे “सामाजिक न्याय” का नारा दिया है, लेकिन जिलाध्यक्षों की सूची में सवर्णों और भूमिहारों का वर्चस्व दिख रहा है, जिससे पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जातीय समीकरण: कांग्रेस का नया फॉर्मूला?
जाति | संख्या | प्रतिशत |
---|---|---|
सवर्ण | 14 | 35% |
भूमिहार | 6 | 15% |
ब्राह्मण | 4 | – |
राजपूत | 3 | – |
कायस्थ | 1 | – |
ओबीसी | 10 | – |
यादव | 5 | – |
कुर्मी | 2 | – |
कुशवाहा | 3 | – |
दलित | 5 | – |
पासवान | 3 | – |
रविदास | 2 | – |
अल्पसंख्यक | 7 | – |
मुस्लिम | 6 | – |
सिख | 1 | – |
अति पिछड़ा वर्ग | 3 | – |
वैश्य समाज | 1 | – |
दलित चेहरे की राजनीति बनाम सवर्ण वर्चस्व
प्रदेश अध्यक्ष पद पर राजेश राम (दलित) की नियुक्ति कर कांग्रेस ने दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की।
लेकिन जिलाध्यक्षों में 35% पद सवर्णों को देकर पार्टी ने पारंपरिक वोट बैंक को बनाए रखने की कोशिश की।
भूमिहारों को 6 जिलाध्यक्ष देकर कांग्रेस ने स्पष्ट संकेत दिया कि वह इस वर्ग को खोना नहीं चाहती।
यादवों को 5, कुशवाहा को 3, कुर्मी को 2 पद देकर कांग्रेस ने ओबीसी में संतुलन साधने की कोशिश की।
अल्पसंख्यकों को 7 पद (मुस्लिम-6, सिख-1) देकर मुस्लिम वोट बैंक को बनाए रखने की रणनीति अपनाई गई।
महत्वपूर्ण जिलाध्यक्षों की सूची
जिला | नए जिलाध्यक्ष |
---|---|
पटना (शहरी) | शशिरंजन (जिलाध्यक्ष), रंजीत कुमार (कार्यकारी अध्यक्ष) |
पटना ग्रामीण-1 | सुमित कुमार सन्नी (जिलाध्यक्ष), उदय कुमार चंद्रवंशी (कार्यकारी अध्यक्ष) |
पटना ग्रामीण-2 | गुरुजीत सिंह (जिलाध्यक्ष), नीतू निशाद (कार्यकारी अध्यक्ष) |
दरभंगा | दयानंद पासवान |
मुजफ्फरपुर | अरविंद मुकुल |
पूर्णिया | विजेंद्र यादव |
सहरसा | मुकेश झा, तारिणी ऋषिदेव (कार्यकारी अध्यक्ष) |
वैशाली | महेश प्रसाद राय |
सीवान | सुनील कुमार यादव |
सुपौल | सूर्यनारायण मेहता, राम नारायण प्रसाद (कार्यकारी अध्यक्ष) |
समस्तीपुर | अबु तमीम |
सारण | बच्चू प्रसाद बीरू |
शिवहर | नूरी बेगम |
क्या कांग्रेस का यह कदम 2025 चुनाव में कारगर होगा?
कांग्रेस का यह जातीय समीकरण दलितों को लुभाने और सवर्णों को बनाए रखने की दोहरी रणनीति को दर्शाता है।
पार्टी ने मुस्लिम और भूमिहार वोटों पर खास फोकस किया है।
हालांकि, क्या यह रणनीति 2025 के विधानसभा चुनाव में सफल होगी? यह देखने वाली बात होगी।
क्या कांग्रेस का यह जातीय संतुलन बिहार की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव ला पाएगा? आपकी राय क्या है?